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गुस्से से लाल हुए सौरव गांगुली, खुलकर आए सामने और शास्त्री को दिया करारा जवाब

भारत के दो पूर्व कप्तानों, सौरव गांगुली और रवि शास्त्री के बीच शुरू हुई जुबानी जंग आज और तेज हो गई जब गांगुली भी खुलकर सामने आए।

By ShivamEdited By: Published: Wed, 29 Jun 2016 07:44 PM (IST)Updated: Wed, 29 Jun 2016 11:58 PM (IST)
गुस्से से लाल हुए सौरव गांगुली, खुलकर आए सामने और शास्त्री को दिया करारा जवाब

कोलकाता। भारत के दो पूर्व कप्तानों, सौरव गांगुली और रवि शास्त्री के बीच शुरू हुई जुबानी जंग आज और तेज हो गई जब गांगुली भी खुलकर सामने आए और शास्त्री के बयानों पर करारा जवाब दिया। गौरतलब है कि टीम इंडिया का कोच न चुने जाने पर शास्त्री ने गांगुली को ये कहकर आड़े हाथों लिया था कि सलाहकार समिति के सदस्य गांगुली ने इंटरव्यू के दौरान मौजूद न रहकर शास्त्री का अपमान किया है।

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आज दादा ने शास्त्री के बयानों पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा, 'मुझे ऐसा लगता है कि वो अपने बयानों के जरिए काफी निजी हो गए हैं। अगर रवि शास्त्री को ऐसा लगता है कि उनको सौरव गांगुली की वजह से कोच नहीं चुना गया तो वो मूर्खों की दुनिया में जी रहे हैं। मुझे ये चीज और गुस्सा दिला रही है कि उन्होंने मुझे नसीहत दी कि आगे से मैं ऐसी बैठकों के दौरान उपस्थित रहने की आदत डालूं। मैं पिछले काफी समय से बीसीसीआइ का सदस्य हूं और उसकी हर बैठक में समय से उपस्थित रहा हूं। रवि को मेरी नसीहत ये है कि जब भारतीय कोच जैसे महत्वपूर्ण पद का चुनाव हो रहा हो तो वो कमिटी के सामने बैठना सीखें न कि बैंगकॉक में छुट्टियां मनाते हुए इंटरव्यू दें।'

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गांगुली इसके बाद भी नहीं थमे और अपनी भड़ास निकालते हुए आगे कहा, 'रवि शास्त्री चाहते तो उस बैठक में खुद आकर मौजूद रह सकते थे। खासतौर पर तब जब भारतीय क्रिकेट इतिहास के महानतम खिलाड़ियों में से एक (सचिन तेंदुलकर) वहां दो घंटों तक बोल रहा था। मुझे निजी हमलों से काफी दुख पहुंचा है। मैंने कुछ अखबारों में पढ़ा और नजरअंदाज करने का प्रयास किया। मैं निराश हूं कि उन्होंने मीडिया के जरिए अपनी इन बातों को बयां किया। खासतौर पर उस इंसान ने, जो खुद पिछले तकरीबन 20 सालों से बीसीसीआइ का सद्स्य रह चुका है। आज से 10 साल पहले भारतीय कोच चुनने के समय वो भी मेरी कुर्सी पर रह चुके हैं। उन्हें सब कुछ पता है। मैंने बीसीसीआइ को 19 जून को ही सूचित कर दिया था (अनुपस्थिति के बारे में)। मैं क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बंगाल का अध्यक्ष हूं और मुझे उसकी बैठक में मौजूद रहना था। जो बेहद आवश्यक था। उस विषय के मेरे पास आधिकारिक मेल भी मौजूद हैं जो मैं बीसीसीआइ की इजाजत के बाद सार्वजनिक कर दूंगा। मैं निराश हूं क्योंकि इस चीज में कई बड़े व सम्मानित नाम जुड़े हैं, ये सिर्फ सौरव गांगुली के बारे में नहीं है।'

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