कुछ तो गड़बड़ है टीम इंडिया में
भारतीय टीम में कुछ तो गड़बड़ चल रही है जिसका असर उसके प्रदर्शन में दिखाई दे रहा है। टीम इंडिया महेंद्र सिंह धौनी की कप्तानी में वनडे और टी-20 मुकाबलों में लगातार हार रही है, जबकि विराट की कप्तानी में टेस्ट मैचों में उसका प्रदर्शन शानदार है। यही नहीं जबसे
अभिषेक त्रिपाठी, कानपुर। भारतीय टीम में कुछ तो गड़बड़ चल रही है जिसका असर उसके प्रदर्शन में दिखाई दे रहा है। टीम इंडिया महेंद्र सिंह धौनी की कप्तानी में वनडे और टी-20 मुकाबलों में लगातार हार रही है, जबकि विराट की कप्तानी में टेस्ट मैचों में उसका प्रदर्शन शानदार है। यही नहीं जबसे विराट टेस्ट कप्तान बने हैं तब से उन्होंने धौनी की कप्तानी में खेले गए वनडे और टी-20 मैचों में उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं किया है। ये आंकड़े सिर्फ संयोग नहीं हो सकते। यही नहीं कटक में वह जिस तरह रन आउट हुए उसने भी सवाल खड़े कर दिए हैं। टीम के दो गुट में बंटे होने की खबरें कई बार आ चुकी हैं, लेकिन टीम निदेशक रवि शास्त्री, धौनी और कोहली इसे नकारते रहे हैं लेकिन हाल के प्रदर्शन को देखकर साफ है कि कोहली और धौनी के बीच कुछ तो चल रहा है।
प्रदर्शन पर सवाल :
अगर धौनी की कप्तानी में टीम लगातार हारेगी तो निश्चित ही उनके लिए टिके रहना आसान नहीं होगा और इसका सीधा फायदा विराट को मिलेगा। पिछले कुछ सालों से भारतीय टीम की जीत में मुख्य किरदार निभाने वाले विराट पिछले साल नौ दिसंबर को टेस्ट कप्तान बने और इसके बाद उनके अंदर सभी प्रारूपों में कप्तान बनने की ललक पैदा हुई होगी। जहां उन्होंने तब से अब तक अपनी कप्तानी में खेले गए छह टेस्ट मैचों में चार में टीम को जीत दिलाकर सबका ध्यान खींचा वहीं, इस दौरान खेले गए 15 वनडे और दो टी-20 मैचों में उन्होंने सिर्फ एक शतक लगाया।
वनडे में आई गिरावट :
आंकड़ों के जानकार विकास लूथरा ने कहा कि पिछले कुछ सालों से भारत की जीत कोहली के प्रदर्शन पर निर्भर करती है। वह अगर धौनी की कप्तानी में रन नहीं बनाएंगे तो इसका असर पडऩा लाजिमी है। विराट ने अब तक कुल 161 वनडे की 153 पारियों में 23 बार नाबाद रहते हुए 50.66 की औसत से 6586 रन बनाए हैं, जिसमें 183 के सर्वोच्च स्कोर के साथ 22 शतक और 33 अर्धशतक शामिल हैं। इस दौरान भारत ने 96 मैच जीते हैं, जिसमें विराट ने 68.12 के बेहतरीन औसत से 20 शतक और 19 अर्धशतक की मदद से 4837 रन बनाए। पूर्णकालिक टेस्ट कप्तान बनने के बाद उन्होंने धौनी की कप्तानी में खेले गए 15 वनडे की इतनी ही पारियों में 31.50 के कमजोर औसत से 378 रन बनाए। इस दौरान उन्होंने सिर्फ एक शतक लगाया। इन मैचों में भारत को आठ में जीत और छह में हार मिली। एक मैच बेनतीजा रहा।
टी-20 में भी नहीं चले :
कोहली 30 टी-20 मैचों की 28 पारियों में 44.17 की औसत से नौ अर्धशतक की मदद से 1016 रन बना चुके हैं। इस दौरान जिन 18 मैचों में भारत जीता, उसमें विराट ने 17 पारियों में 54.66 की औसत और छह अर्धशतक की बदौलत 656 रन बनाए। टेस्ट कप्तान बनने के बाद उन्होंने धौनी की अगुआई में दो टी-20 मैच खेले जिसमें एक में 43 और एक में एक रन पर आउट हुए। ये दोनों ही मैच भारत हार गया।
अपनी कप्तानी में टेस्ट में खूब चले :
जहां धौनी की कप्तानी में विराट का बल्ला शांत है, वहीं इस दौरान अपनी कप्तानी में वह खूब रन बना रहे हैं। उन्होंने पिछले छह टेस्ट मैचों की 11 पारी में 63.27 की औसत से कुल 696 रन बनाए हैं, जिनमें चार शतक लगाए। इस दौरान उनकी कप्तानी में भारत ने श्रीलंका को उसके घर में 2-1 से हराकर इतिहास भी रचा। टेस्ट कप्तान बनने से पहले विराट ने 31 मैचों की 55 पारियों में लगभग 42 की औसत से 2098 रन बनाए थे, जिसमें सात शतक शामिल हैं। बतौर टेस्ट कप्तान वह ग्रेग चैपल के बाद अपनी कप्तानी के पहले टेस्ट की दोनों पारियों में शतक बनाने वाले दूसरे कप्तान बने।