भारत के दबाव से शशांक मनोहर ने छोड़ा आइसीसी चैयरमैन का पद?
शशांक मनोहर ने आइसीसी के चैयरमैन के पद से इस्तीफा दे दिया है। शशांक मनोहर ने इस पद को छोड़ने के पीछे व्यक्तिगत कारण बताया है।
नई दिल्ली, जेएनएन। शशांक मनोहर ने आइसीसी के चैयरमैन के पद से इस्तीफा दे दिया है। मनोहर ने आइसीसी के सीईओ डेव रिचर्सडन को अपना इस्तीफा भेज दिया है। अपने इस्तीफा में मनोहर ने लिखा है कि वो तत्काल प्रभाव से अपने पद और जिम्मेदारियों से मुक्त होना चाहते हैं।
शशांक मनोहर ने इस पद को छोड़ने के पीछे व्यक्तिगत कारण बताया है। मनोहर को इस पद के लिए मई 2016 में अगले 2 साल के लिए चुना गया था। लेकिन उन्होंने 8 महीने के कार्यकाल के बाद ही इस पद से इस्तीफा दे दिया। शशांक मनोहर आइसीसी में बिग थ्री के दबदबे को कम करने की कोशिशें कर रहे थे। आइसीसी के चैयरमैन पद पर काबिज़ होने के लिए शशांक मनोहर ने बीसीसीआइ के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया था।
Shashank Manohar steps down from the post of ICC chairperson due to personal reasons. pic.twitter.com/g8oauOVjBH
— ANI (@ANI_news) 15 March 2017
आइसीसी के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक शशांक मनोहर ने इसलिए इस्तीफा दिया है कि बीसीसीआइ जल्द ही आइसीसी द्वारा जारी होने वाले संवैधानिक और वित्तीय सुधारों पर रोक लगाने की स्थिति में पहुंच गया है। आइसीसी की अगली बोर्ड मीटिंग में इन फैसलों को लागू किया जाना है। आइसीसी के किसी भी सुधार के लिए दो-तिहाई बहुमत की जरूरत होती है। हालांकि बीसीसीआइ ने बांग्लादेश, श्रीलंका और जिंबाब्वे को अपनी ओर मिला लिया है और वह इन सुधारों को लागू होने से रोकने में कामयाब हो जाएगा। कहा जा रहा है कि इसी नाकामयाबी से बचने के लिए शशांक मनोहर ने अपने पद से इस्तीफा दिया है।
मनोहर ने अपने इस्तीफे में लिखा है, 'मैंने बोर्ड को चलाने और मामलों के निपटारे में निष्पक्ष होने की पूरी कोशिश की, हालांकि अब व्यक्तिगत कारणों से मेरे लिए इस पद पर बने रहना मुश्किल हो गया है।'
मनोहर ने पिछले साल लोढ़ा समिति की सिफारिशों को लागू कर पाने में नाकाम रहने की वजह बताते हुए बीसीसीआइ से इस्तीफा दे दिया था। शशांक मनोहर के आइसीसी में संवैधानिक सुधारों का बीसीसीआइ के अलावा श्रीलंका ने भी विरोध किया है।
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शशांक मनोहर को आइसीसी का पहला निर्विरोध अध्यक्ष चुना गया था। अपने इस कार्यकाल के दौरान मनोहर ने क्रिकेट के बिग थ्री यानि बीसीसीआइ, क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड के दबदबे को कम करने के लिए कदम उठाए थे।