आइपीएल फिक्सिंग जांच रिपोर्ट में श्रीनिवासन का नाम
आइपीएल के सातवें चरण की शुरुआत वालेदिन ही आइपीएल फिक्सिंग मामले में बीसीसीआइ के निवर्तमान अध्यक्ष एन श्रीनिवासन समेत क्रिकेट की 13 जानी मानी हस्तियां जांच के घेरे में आ गई हैं। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को खेल की साख को बंट्टा लगाने वाले इस मामले में पहली बार इस बात का खुलासा किया कि आइपीएल में सट्टेबाजी और स्पॉट फिक्सिंग मामले की स्वतंत्र जांच करने वाली जस्टिस मुकुल मुदगल समिति ने जो गुप्त लिफाफा अदालत के सामने पेश किया है, उसमें 13 लोगों के नाम हैं और उसमें एक नाम श्रीनिवासन का भी है। 12 अन्य लोगों में कई नामी क्रिकेटरों के नाम शामिल हैं। मुदगल समिति ने श्रीनिवासन पर कई तरह के गंभीर आरोप लगाए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इन 13 आरोपियों के खिलाफ जांच की कार्रवाई इसलिए नहीं की गई क्योंकि इससे उन नामी क्रिकेटरों की छवि खराब होने का खतरा था।
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। आइपीएल के सातवें चरण की शुरुआत वालेदिन ही आइपीएल फिक्सिंग मामले में बीसीसीआइ के निवर्तमान अध्यक्ष एन श्रीनिवासन समेत क्रिकेट की 13 जानी मानी हस्तियां जांच के घेरे में आ गई हैं। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को खेल की साख को बंट्टा लगाने वाले इस मामले में पहली बार इस बात का खुलासा किया कि आइपीएल में सट्टेबाजी और स्पॉट फिक्सिंग मामले की स्वतंत्र जांच करने वाली जस्टिस मुकुल मुदगल समिति ने जो गुप्त लिफाफा अदालत के सामने पेश किया है, उसमें 13 लोगों के नाम हैं और उसमें एक नाम श्रीनिवासन का भी है। 12 अन्य लोगों में कई नामी क्रिकेटरों के नाम शामिल हैं। मुदगल समिति ने श्रीनिवासन पर कई तरह के गंभीर आरोप लगाए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इन 13 आरोपियों के खिलाफ जांच की कार्रवाई इसलिए नहीं की गई क्योंकि इससे उन नामी क्रिकेटरों की छवि खराब होने का खतरा था।
सुप्रीम कोर्ट ने श्रीनिवासन की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने बीसीसीआइ अध्यक्ष के तौर पर अपनी फिर से बहाली का आग्रह किया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बीसीसीआइ को अपनी स्वायत्तता बनाए रखने के लिए खुद ही सट्टेबाजी व स्पॉट फिक्सिंग कांड में श्रीनिवासन और 12 अन्य के खिलाफ जांच करनी चाहिए। कोर्ट ने साफ किया कि अगर जांच बीसीसीआइ करती है तो श्रीनिवासन को सभी 13 लोगों के खिलाफ जांच पूरी होने तक बीसीसीआइ से दूर रहना होगा।
न्यायमूर्ति एके पटनायक की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने इन आरोपों की विशेष जांच दल (एसआइटी) या केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) को जांच करने का आदेश देने पर संकोच व्यक्त करते हुए कहा कि बोर्ड की संस्थागत स्वायत्तता बनाए रखनी होगी और बेहतर होगा कि बोर्ड द्वारा गठित समिति इस मसले पर गौर करे। न्यायाधीशों ने कहा, 'आरोपों के स्वरूप को देखते हुए हम अपनी आंख मूंद नहीं सकते हैं। वे व्यक्तियों को लेकर नहीं बल्कि देश में क्रिकेट के खेल को लेकर चिंतित हैं।' मुदगल समिति की सीलबंद लिफाफे में पेश रिपोर्ट का जिक्र करते हुए न्यायाधीशों ने कहा, 'यह (रिपोर्ट) कहती है कि सभी आरोप उनके (श्रीनिवासन) संज्ञान में लाए गए थे, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया। इसका मतलब यह हुआ कि वह इन आरोपों के बारे में जानते थे और उन्होंने इन्हें गंभीरता से नहीं लिया।' कोर्ट ने बीसीसीआइ से अगली सुनवाई तक जांच और उसका तरीका बताने को कहा है। हालांकि मामले में याचिकाकर्ता क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बिहार ने आरोपों की जांच बीसीसीआइ से ही कराने के प्रस्ताव का विरोध किया। मामले में 22 अप्रैल को फिर सुनवाई होगी।
न्यायालय ने पिछले माह श्रीनिवासन को बीसीसीआइ अध्यक्ष पद से हटने का आदेश देते हुए पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर को अंतरिम अध्यक्ष नियुक्त किए जाने का आदेश पारित किया था। अदालत का कहना था कि श्रीनिवासन के अध्यक्ष बने रहते हुए आइपीएल सट्टेबाजी और स्पॉट फिक्सिंग मामले की निष्पक्ष जांच नहीं हो सकती। इस मामले का खुलासा पिछले साल छठे संस्करण के दौरान हुआ था, जिसमें केरल के तेज गेंदबाज एस श्रीसंत, चेन्नई सुपरकिंग्स के पूर्व टीम प्रिंसीपल गुरुनाथ मयप्पन और अभिनेता दारा विंदु सिंह सहित कई और खिलाड़ियों के नाम सामने आए थे।
आइपीएल-7 के सीओओ बने रहेंगे रमन
नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को सुंदर रमन को आइपीएल-7 के मुख्य संचालन अधिकारी (सीओओ) के रूप में काम करते रहने की अनुमति दे दी है। न्यायालय के मुताबिक रमन के स्थान पर किसी अन्य की नियुक्ति से फिलहाल इस आयोजन पर असर पड़ेगा। न्यायाधीश एके पटनायक और न्यायाधीश फाकिर मुहम्मद इब्राहिम खलिफुल्लाह की पीठ ने बीसीसीआइ अंतरिम अध्यक्ष सुनील गावस्कर के निवेदन पर अपना फैसला सुनाया। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि उसे सुंदर रमन की काबिलियत पर भरोसा है और वह उम्मीद करती है कि सुंदर इस भूमिका का निवर्हन करेंगे। न्यायालय के मुताबिक क्योंकि आइपीएल अब शुरू हो चुका है और इस समय इससे जुड़े किसी बड़े अधिकारी को हटाने से इसके आयोजन पर सीधा असर डालेगा। गावस्कर ने न्यायालय से अनुरोध किया था कि रमन के भाग्य का फैसला किया जाए।