इस पाक 'जादूगर' ने क्रिकेट से लिया संन्यास, लेकिन आइसीसी पर उठाया बड़ा सवाल
इस खिलाड़ी ने कहा कि मैं अपना सम्मान नहीं खोना चाहता हूं।
कराची, पीटीआइ। पाकिस्तान के अनुभवी स्पिनर सईद अजमल ने भारी मन से क्रिकेट से संन्यास ले लिया, लेकिन जाते-जाते गेंदबाजी एक्शन के आकलन के आइसीसी के प्रोटोकॉल की आलोचना भी की।
अपने सफल, लेकिन विवादास्पद करियर में ऑफ स्पिनर अजमल ने 35 टेस्ट में 178 विकेट लिए। उन्होंने आखिरी टेस्ट 2014 में श्रीलंका के खिलाफ गॉल में खेला, जहां उनके गेंदबाजी एक्शन की दूसरी बार शिकायत की गई।
पहली बार 2009 में यूएई में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे मैच के दौरान उनके एक्शन की शिकायत की गई थी। अजमल ने कहा, 'मैं क्रिकेट को अलविदा कह रहा हूं। अब युवा खिलाड़ियों को मौका देने का समय है। मुझे ऐसा लग रहा है कि घरेलू टीमों में भी मुझे बोझ माना जाने लगा है और मैं अपना सम्मान नहीं खोना चाहता। मैं भारी मन से विदा ले रहा हूं, क्योंकि मुझे लगता है कि आइसीसी का प्रोटोकॉल काफी कड़ा है। यदि आज अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेल रहे सभी गेंदबाजों का टेस्ट किया जाए तो कम से कम 90 प्रतिशत इसमें फेल हो जाएंगे।'
अजमल ने कहा कि यदि पीसीबी ने आइसीसी के सामने उनका पक्ष और मजबूती से रखा होता तो उन्हें संतोष होता। उन्होंने कहा, 'मेरे गेंदबाजी एक्शन को अवैध करार दिए जाने के बाद बोर्ड ने मेरा साथ दिया, लेकिन आइसीसी के सामने इस प्रोटोकॉल को चुनौती देकर वे मेरा पक्ष और मजबूती से रख सकते थे।'
सचिन को नॉटआउट देना समझ नहीं आया
पांच साल से अधिक बीत गए, लेकिन पाकिस्तान के शीर्ष ऑफ स्पिनर सईद अजमल को आज तक समझ में नहीं आया कि विश्व कप 2011 के सेमीफाइनल में अंपायरों ने सचिन तेंदुलकर को उनकी गेंद पर नॉटआउट कैसे करार दिया था। मोहाली में पाकिस्तान के खिलाफ विश्व कप सेमीफाइनल में तेंदुलकर ने 85 रन बनाए थे। अजमल ने उन्हें आउट किया था। 40 साल के अजमल ने कहा, 'मैं आश्वस्त था कि वह एलबीडब्ल्यू आउट थे, लेकिन आज तक मुझे समझ में नहीं आया कि अंपायरों ने उन्हें आउट क्यों नहीं दिया।' उन्होंने कहा भारतीय बल्लेबाजों को गेंदबाजी करना आसान नहीं था।