मैदान पर उतरे 'भगवान' पर क्यों ठंडा पड़ा दर्शकों का जोश?
सोमवार को चौधरी बंसीलाल क्रिकेट स्टेडियम का माहौल काफी फीका था। रविवार को यहां मेले जैसा नजारा था, लेकिन मुंबई बनाम हरियाणा रणजी ट्रॉफी मैच क्रिकेट के दूसरे दिन दर्शकों का उत्साह ठंडा पड़ गया।
सचिन शंकर, लाहली (रोहतक)। सोमवार को चौधरी बंसीलाल क्रिकेट स्टेडियम का माहौल काफी फीका था। रविवार को यहां मेले जैसा नजारा था, लेकिन मुंबई बनाम हरियाणा रणजी ट्रॉफी मैच क्रिकेट के दूसरे दिन दर्शकों का उत्साह ठंडा पड़ गया। ओपेन स्टैंड में तो फिर भी लोग जुटे थे, लेकिन वीआइपी और वीवीआइपी दर्शकों के लिए लगाई गईं अधिकतर कुर्सियां खाली पड़ी थीं।
सोमवार को मुंबई की पहली पारी 136 रन पर सिमटने के बाद मेहमान टीम लंच से पहले ही क्षेत्ररक्षण के लिए भी उतर गई। टीम के साथ मैदान में प्रवेश पर दर्शकों ने सचिन का स्वागत किया और वह अपनी पसंदीदा पोजीशन मिडऑन पर मुस्तैद हो गए। दरसअल क्रिकेटप्रेमी सचिन को बल्लेबाजी करते देखना चाहते हैं, लेकिन आज उसके लिए मौका न के बराबर था। अंतिम एक घंटे के खेल में जरूर थोड़े से दर्शकों ने मिड ऑन पर फील्डिंग कर रहे सचिन के लिए 'क्रिकेट के भगवान की जय' के नारे लगाकर माहौल में जोश भरने की कोशिश की।
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तेंदुलकर रविवार को यहां अपना अंतिम रणजी मैच खेलने के लिए उतरे थे। वेस्टइंडीज के खिलाफ 200वां टेस्ट खेलने के बाद संन्यास की घोषणा करने वाला यह महान बल्लेबाज हालांकि पहली पारी में महज पांच रन बनाकर आउट हो गया था, जिससे दर्शकों को काफी निराशा हुई। सचिन के पास दूसरी पारी में मौका है, जब वह लाहली मैच को यादगार बना सकते हैं। उम्मीद है कि मुंबई की दूसरी पारी में सचिन की बल्लेबाजी (संभवत: मंगलवार को) देखने के लिए लोग फिर से उमड़ेंगे। तेंदुलकर का रणजी ट्रॉफी रिकॉर्ड बेहतरीन रहा है। वह जब भी रणजी ट्रॉफी में उतरे हैं, उन्होंने शतक जमाया है। तेंदुलकर ने देश के प्रतिष्ठित घरेलू टूर्नामेंट में 18 शतक और इतने ही अर्धशतक लगाए हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि वह अपने घरेलू क्रिकेट करियर का अंत शतक से पूरा कर पाते हैं या नहीं।
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