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आखिरकार सचिन ने किया खुलासा कि कब पहली बार संन्यास लेने के बारे में सोचा

सचिन का ताजा खुलासा है कि आखिरकार पहली बार उन्होंने कब संन्यास लेने के बारे में सोचा।

By ShivamEdited By: Published: Thu, 02 Mar 2017 10:05 PM (IST)Updated: Fri, 03 Mar 2017 09:09 AM (IST)
आखिरकार सचिन ने किया खुलासा कि कब पहली बार संन्यास लेने के बारे में सोचा
आखिरकार सचिन ने किया खुलासा कि कब पहली बार संन्यास लेने के बारे में सोचा

नई दिल्ली। पूर्व महान भारतीय बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर को बेशक क्रिकेट से संन्यास लिए तीन-चार साल हो चुके हैं लेकिन आज भी उनके बयान सुर्खियां बनते रहते हैं। सचिन का ताजा बयान भी कुछ ऐसा ही है जिसे उनके फैंस जरूर जानना चाहेंगे। ये खुलासा है कि सचिन तेंदुलकर ने आखिरकार पहली बार कब संन्यास लेने के बारे में सोचा।

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सचिन तेंदुलकर के मुताबिक उन्होंने संन्यास लेने से एक महीना पहले चैंपियंस लीग के एक मैच में इसके बारे में सोचा था। सचिन ने अपने लेख 'माइ सेकेंड इनिंग्स' (मेरी दूसरी पारी) में इसके बारे में चर्चा की, सचिन कहते हैं कि, 'ऐसा (संन्यास का विचार) पहली बार अक्टूबर 2013 में हुआ जब मैं दिल्ली में चैंपियंस लीग टी20 का मैच खेल रहा था। मेरे दिन की शुरुआत सुबह जिम में कसरत करते हुए होती थी, एक ऐसी दिनचर्या जिसे मैंने पिछले 24 साल से अपना रखा था लेकिन अक्टूबर की उस सुबह कुछ बदला हुआ सा लग रहा था। मुझे अहसास हुआ कि सुबह मुझे जागने के लिए मशक्कत करनी पड़ी। मुझे पता था कि जिम ट्रेनिंग मेरे क्रिकेट का अहम हिस्सा था लेकिन फिर भी इच्छा में थोड़ी कमी महसूस हुई, आखिर क्यों? क्या ये संकेत थे, संकेत इस बात के, कि अब मुझे रुक जाना चाहिए? संकेत इस बात के, कि जो खेल मेरे दिल के इतने करीब रहा है, अब मेरी दिनचर्या का हिस्सा नहीं होगा?'

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सचिन ने संन्यास तक पहुंचने की प्रक्रिया के बारे में लिखा, 'मेरे हीरोज में से एक व पूर्व क्रिकेटर सुनील गावस्कर ने एक बार मुझसे कहा था कि उन्होंने तब खेल छोड़ने का फैसला लिया था जब वो घड़ी की तरफ देखने लगे थे। ये जानने के लिए कि लंच में कितना समय बाकी है, चाय में कितना समय बाकी है। अचानक मुझे अहसास हो गया कि आखिर वो क्या कहना चाह रहे थे। मेरा दिमाग और शरीर भी मुझे ये बताने लगे थे। शायद ये समय था कि अब मुझे खेल को छोड़ देना चाहिए। मुझे कुछ साल पहले विंबलडन में बिली जीन किंग के वो शब्द भी याद आने लगे जब उन्होंने कहा था कि तुम्हें खुद पता चल जाएगा कि कब तुम्हें जाना है, ये आपके अंदर से आएगा, दुनिया को मत फैसला करने दो कि तुम्हें कब संन्यास लेना है। मेरे अंदर ये विचार भी आए कि मैदान पर दर्शकों द्वारा सचिन..सचिन के वो बोल एक अनोखा अहसास रहे थे, जो अब नहीं होंगे। करीबी दोस्तों व परिवार के साथ चर्चा करने के बाद मैंने अपने दिमाग में आखिरकार तय किया कि मेरी ये पारी अब अंत हो रही है।'

सचिन के मुताबिक इस सोच के आने के तुरंत बाद सारा इतिहास उनकी आंखों के सामने आने लगा था। वो तमाम सफलताएं, वो हार, वो जश्न, वो चुनौतियां, वो पूरा सफर। सचिन ने इसमें अपनी विश्व कप जीत के स्वर्णिम पल को बेहद करीब बताया। सचिन ने कहा, 'पहली पारी सपनों का पीछा करना थी तो दूसरी पारी संतोष से जुड़ी हुई है।'

सचिन तेंदुलकर 2013 में मुंबई की उस टीम का हिस्सा थे जिसने उस साल ये खिताब जीता था। उसी संस्करण में उन्होंने 2, 5 और 6 अक्टूबर (फाइनल) को यहां तीन मैच खेले थे। इसके बाद उन्होंने संन्यास का फैसला लिया और नवंबर में वेस्टइंडीज के खिलाफ कोलकाता और मुंबई में दो टेस्ट मैच खेलकर क्रिकेट को अलविदा कह दिया। 

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