राजस्थान को छोड़कर हिमाचल प्रदेश से जुड़े रॉबिन बिश्ट
राजस्थान की तरफ से खेलते हुए कम समर्थन मिलने के कारण रॉबिन बिश्ट ने आगामी घरेलू सत्र के लिए हिमाचल प्रदेश का दामन थाम लिया है। हिमाचल के साथ उन्होंने दो साल के का करार किया है जिसकी अध्यक्षता बीसीसीआइ के सचिव अनुराग ठाकुर करते हैं।
हिमाचल प्रदेश। राजस्थान की तरफ से खेलते हुए कम समर्थन मिलने के कारण रॉबिन बिश्ट ने आगामी घरेलू सत्र के लिए हिमाचल प्रदेश का दामन थाम लिया है। हिमाचल के साथ उन्होंने दो साल के का करार किया है जिसकी अध्यक्षता बीसीसीआइ के सचिव अनुराग ठाकुर करते हैं।
पिछले साल मई में बीसीसीआइ ने राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन को निलंबित कर दिया था। इसके बाद एसोसिएशन से जुड़े खिलाडि़यों के 2014-15 सत्र में खेलने पर खतरे के बादल मंडराने लगे थे। कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद, बीसीसीआई के बैनर में राजस्थान की टीम खेली। इससे दो बार की रणजी चैंपियन को तैयारी करने का बहुत कम समय मिला था और क्रिकेट के सभी प्रारूपों में उसका प्रदर्शन फीका रहा था।
विश्ट ने बताया कि बीसीसीआइ के निलंबन के बाद खेल पर ध्यान केंद्रित करना मुश्किल हो गया था। मैंने राजस्थान के लिए वफादार बने रहने की कोशिश की, लेकिन समय के साथ कोई सुधार न देखते हुए मुझे ऐसा फैसला करना पड़ा। उन्होंने कहा कि राजस्थान ने मेरे करियर में बहुत मदद की और मौके दिए।
बिश्ट ने एक खेल वेबसाइट को बताया कि बीसीसीआइ के निलंबन के बाद उन्हें समथर्न की कमी खलने लगी। उन्होंने कहा कि भारत की तरफ से खेलने का सपना पूरा होता नहीं दिख रहा था। आपको हर पहलू से उस बढ़ावे की जरुरत होती है, भले ही आप अच्छा खेल रहे हो या नहीं। मगर जब आप निलंबित एसोसिएशन के लिए खेल रहे हो तो आप पर कोई ध्यान नहीं देता। भारत ए की तरफ से खेलने के बाद मुझमें मजबूत प्रदर्शन के बलबूते अपने सपने को पूरा करने का विश्वास मिला है।
ललित मोदी के अध्यक्ष चुने जाने के बाद बीसीसीआइ ने राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन को निलंबित कर दिया था। बिश्ट अन्य टीम से खेलने वाले राजस्थान के तीसरे खिलाड़ी बन गए हैं। उनसे पहले तेज गेंदबाज रितुराज सिंह ने झारखंड और ऑफ स्पिनर रमेश पोवार ने गुजरात के साथ करार कर लिया है।
मध्यक्रम के बल्लेबाज बिश्ट ने 2011-12 सत्र में भारत ए की टीम के साथ वेस्टइंडीज का दौरा किया था।
बिश्ट ने आगे बताया कि हिमाचल प्रदेश ने पिछले साल भी उन्हें खेलने का प्रस्ताव दिया था, जिसे उन्होंने स्वीकार नहीं किया। मगर इस साल ठाकुर ने उन्हें फोन करके टीम से खेलने का न्योता दिया, जिसे वह नजरअंदाज नहीं कर पाए और अपने करियर को ध्यान में रखते हुए हिमाचल के साथ जुड़ गए।
हिमाचल के लिए पिछला साल अच्छा नहीं रहा था। वह रणजी ट्रॉफी में उन्नति नहीं कर सकी और नीचली रैंकिंग पर रही। मौजूदा समय में हिमाचल प्रदेश ग्रुप सी में है। उनके साथ झारखंड, सौराष्ट्र, हैदराबाद, केरल, त्रिपुरा, गोवा और जम्मू-कश्मीर है।