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ये दिग्गज भविष्य में बन सकता है टीम इंडिया का कोच, बीसीसीआइ की है नज़र

यह सच है कि जहीर और द्रविड़ का चुनाव सीएसी के एजेंडे में नहीं था। उनको मुख्य कोच चुनना था। उन्होंने पूरा कांबो पैकेज चुनकर हमें दे दिया।

By Pradeep SehgalEdited By: Published: Thu, 13 Jul 2017 10:54 AM (IST)Updated: Thu, 13 Jul 2017 02:39 PM (IST)
ये दिग्गज भविष्य में बन सकता है टीम इंडिया का कोच, बीसीसीआइ की है नज़र
ये दिग्गज भविष्य में बन सकता है टीम इंडिया का कोच, बीसीसीआइ की है नज़र

नई दिल्ली, अभिषेक त्रिपाठी। सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण वाली बीसीसीआइ की क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) का काम तो टीम इंडिया का मुख्य कोच चुनना था, लेकिन उन्होंने इसके साथ ही गेंदबाजी सलाहकार और विदेशी दौरों पर बल्लेबाजी सलाहकार चुनकर पूरा कांबो पैकेज बोर्ड को दे दिया। बोर्ड अब इसे नकारने की स्थिति में नहीं है और इसलिए उसके पदाधिकारी भी इसकी तारीफ करते नहीं थक रहे।

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सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त प्रशासकों की समिति (सीओए) की तरफ से तो बधाई का संदेश भी चलाया गया। हालांकि यह वही सीओए है जो एक दिन पहले तक सीएसी को जल्द कोच चुनने के लिए कह रहा था, क्योंकि उसे सीएसी की देरी के कारण अपनी भद पिटती दिख रही थी। अब जो भी हो सचिन और गांगुली ने अपना-अपना काम कर दिया है। लक्ष्मण भी इसमें कभी इधर से तो कभी उधर शरीक हुए। हालांकि जिस द्रविड़ को बीसीसीआइ ने दिल्ली डेयरडेविल्स से इस्तीफा दिलाकर अंडर-19 और भारत ए के कोच पद पर बरकरार रखा था उनके विदेशी दौरों पर सीनियर टीम का बल्लेबाजी सलाहकार बनने पर वह खुशी जता रहा है। बोर्ड के अधिकतर अधिकारी अब यह कह रहे हैं कि द्रविड़ को 2019 के बाद के कोच के तौर पर देखा जा रहा है।

बीसीसीआइ के अधिकारी ने कहा कि यह सच है कि जहीर और द्रविड़ का चुनाव सीएसी के एजेंडे में नहीं था। उनको मुख्य कोच चुनना था। उन्होंने पूरा कांबो पैकेज चुनकर हमें दे दिया। अब हम उसी राह पर चलेंगे। शायद यह शक्ति संतुलन के लिए किया गया हो। जहां एक ओर सचिन, विराट और टीम के मत को देखते हुए गांगुली शास्त्री के मुख्य कोच बनने पर राजी हुए तो दादा के दबाव में जहीर खान को गेंदबाजी व द्रविड़ को विदेशी दौरों के लिए बल्लेबाजी सलाहकार रखा गया। हालांकि द्रविड़ विदशी दौरों पर भारतीय टीम के साथ तभी जाएंगे जब भारत ए व अंडर-19 टीम को उनकी जरूरत नहीं होगी।

निश्चित तौर पर इससे शास्त्री को उतनी आजादी नहीं मिलेगी जितनी वह चाहते हैं। शास्त्री भरत अरुण को गेंदबाजी कोच बनाना चाहते थे, लेकिन उनकी नहीं सुनी गई। वहीं, दूसरे अधिकारी ने कहा कि अनुराग ठाकुर के अध्यक्ष रहते हुए भी द्रविड़ को टीम इंडिया का कोच बनाने का प्रस्ताव दिया गया था, लेकिन उन्होंने जूनियर टीम से ही जुड़े रहने की बात कहकर इसे नकार दिया था लेकिन अब बोर्ड उन्हें भविष्य के मुख्य कोच के तौर पर देख रहा है। शास्त्री को 2019 विश्व कप तक कोच के तौर पर चुना गया है और इसके बाद द्रविड़ इसके सबसे बड़े दावेदार होंगे।

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