अभिभूत हुईं भारतीय महिला क्रिकेटर, मोदी, प्रभु और BCCI से मिला सम्मान
भारतीय महिला क्रिकेट टीम को सम्मानित किया गया।
नई दिल्ली, जेएनएन। इंग्लैंड में हुए महिला विश्व कप के फाइनल में पहुंचने वाली भारतीय क्रिकेट टीम के लिए गुरुवार का दिन सम्मान से भरा रहा। दिन की शुरुआत खेल मंत्री विजय गोयल के घर में आयोजित सम्मान से हुई तो अंत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मिलकर हुआ।
इसके बीच में बीसीसीआइ और रेल मंत्रलय ने भी अलग से सम्मान आयोजित कर उन्हें पुरस्कार राशि का वितरण किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार शाम महिला विश्व कप की उप विजेता रही भारतीय क्रिकेट टीम और सहयोगी स्टाफ के सदस्यों से मुलाकात की। इस दौरान टीम ने प्रधानमंत्री को टीम के सभी सदस्यों के ऑटोग्राफ वाला बैट भी भेंट किया।
इससे पहले खेल मंत्री गोयल ने अपने निवास स्थान पर आयोजित कार्यक्रम में कहा कि मिताली राज की टीम ने सभी देशवासियों का दिल जीता है। हमारी महिला खिलाड़ियों ने विश्व कप में शानदार प्रदर्शन किया। अपने लाजवाब खेल की बदौलत उन्होंने टूर्नामेंट का फाइनल खेला। इससे पहले अधिकतर लोग महिला क्रिकेटरों को ज्यादा नहीं जानते थे, लेकिन अब जानने लगे हैं।
इसके बाद राजधानी में ही एक होटल में आयोजित बीसीसीआइ के सम्मान में कार्यवाहक अध्यक्ष सीके खन्ना, आइपीएल चेयरमैन राजीव शुक्ला, कार्यवाहक सचिव अमिताभ चौधरी और कोषाध्यक्ष अनिरुद्ध चौधरी ने टीम की तारीफ में पुल बांधे। इस दौरान सभी क्रिकेटरों को 50-50 लाख और सहयोगी स्टाफ को 25-25 लाख के चेक बांटे गए। रेल मंत्री सुरेश प्रभु इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर पहुंचे। इस के बाद रेल भवन में आयोजित कार्यक्रम में रेल मंत्री ने भारतीय टीम में शामिल अपनी 10 खिलाड़ियों को 13-13 लाख रुपये और प्रमोशन का तोहफा दिया है।
रेलवे ने पुरस्कार राशि के अलावा कप्तान मिताली और हरमनप्रीत कौर को प्रमोशन देते हुए ओएसडी बना दिया है, जबकि अन्य आठ खिलाड़ियों को उनके मौजूदा ग्रेड से ऊपर एक ग्रेड दिया गया है। इन 10 खिलाड़ियों में मिताली, हरमनप्रीत, एकता बिष्ट, पूनम राउत, वेदा कृष्णामूर्ति, पूनम यादव, सुषमा वर्मा, मोना मेशराम, राजेश्वरी गायकवाड़ और नुजहत परवीन शामिल हैं।
किसने क्या कहा
125 करोड़ भारतीयों ने टीम की हार का बोझ अपने कंधों पर उठाया। ये उनकी सबसे बड़ी जीत है।- नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री।
क्रिकेट को पहले केवल पुरुष क्रिकेट के रूप में जाना जाता था, लेकिन अब समय तेजी से बदल रहा है और हो सकता है कि 20 से 30 साल बाद कोई यह सोचे कि क्या पुरुष भी क्रिकेट खेलते हैं। यह वास्तव में बहुत बड़ी उपलब्धि है जिससे पूरा देश खुश है। मैं इस समय गौरवान्वित पिता की तरह महसूस कर रहा हूं।- सुरेश प्रभु, रेल मंत्री।