'हितों के टकराव' मामले में फिलहाल क्रिकेटर्स को राहत
भारत के पूर्व और वर्तमान क्रिकेटर्स को अभी कुछ समय के लिए बीसीसीआइ की 'हितों के टकराव' की मुहिम से छुटकारा मिल गया लगता है। बीसीसीआइ सूत्रों के अनुसार अभी क्रिकेटर्स से इस मामले में शपथपत्र नहीं लिए गए हैं।
नई दिल्ली। भारत के पूर्व और वर्तमान क्रिकेटर्स को अभी कुछ समय के लिए बीसीसीआइ की 'हितों के टकराव' की मुहिम से छुटकारा मिल गया लगता है। बीसीसीआइ सूत्रों के अनुसार अभी क्रिकेटर्स से इस मामले में शपथपत्र नहीं लिए गए हैं।
यह माना जा रहा था कि जिस तरह बीसीसीआइ सदस्यों को 'हितों के टकराव' संबंधी शपथपत्र पर हस्ताक्षर करने को कहा जा रहा था। उसी तर्ज पर वर्तमान और पूर्व क्रिकेटर्स से भी इस मामले में शपथपत्र भरने को कहा जाएगा। यदि ऐसा होता तो सचिन तेंडुलकर, सौरव गांगुली, राहुल द्रविड़, वीवीएस लक्ष्मण, सुनील गावस्कर और रवि शास्त्री समेत कई दिग्गज क्रिकेटर्स इससे प्रभावित होते।
लेकिन बीसीसीआइ के एक सूत्र ने कहा कि अभी वर्तमान और पूर्व खिलाड़ियों को इस तरह की घोषणा करने के लिए कहने की योजना नहीं है। लोढ़ा समिति के फैसले का अध्ययन करने के लिए गठित किए गए बीसीसीआइ कार्यसमूह के एक सदस्य ने गोपनीयता की शर्त पर कहा- 'अभी तक किसी खिलाड़ी को हितों के टकराव संबंधी शपथपत्र नहीं भेजा गया है। इसे अभी केवल राज्य संघों के अध्यक्ष और सचिवों को मेल किया गया है। इसके बाद इसे विभिन्न समितियों को भेजा जाएगा।'
उन्होंने कहा- 'धीरे-धीरे हम सभी को इसके तहत लेकर आएंगे, लेकिन यह लंबी प्रक्रिया है। अभी किसी खिलाड़ी या पूर्व खिलाड़ी को कोई दस्तावेज नहीं भेजा गया है। खिलाड़ियों को इसके अंतर्गत लाने में अभी कुछ समय लगेगा। उन्होंने हालांकि इसके लिये कोई समयसीमा नहीं बताई।'
उन्होंने कहा- मुझे किसी करार पर हस्ताक्षर करने में कोई परेशानी नहीं है, लेकिन अभी इस विषय पर अधिक स्पष्टता की जरूरत है। मैं अभी स्टार का कमेंटेटर हूं बीसीसीआइ का नहीं। यह अलग चीजें है। मैं बीसीसीआइ का अनुबंधित कमेंटेटर नहीं हूं। मुझे कैब का पदाधिकारी होने के कारण यह शपथपत्र मिला है। पिछले महीने खेल की छवि को साफ सुथरी बनाने की कवायद के तहत बीसीसीआइ ने अपने सभी सदस्यों को शपथपत्र पर यह घोषित करने के लिए कहा कि अपने क्रिकेट संघों के पदाधिकारी रहते हुए उनका हितों का टकराव नहीं है।