आइसीसी को सबक सिखाने के पक्ष में हैं बीसीसीआइ के ये अधिकारी
श्रीनिवासन द्वारा नियंत्रित दक्षिण क्षेत्र टूर्नामेंट से हटने के पक्ष में है। सौराष्ट्र के निरंजन शाह जैसे कुछ पुराने अधिकारी ‘आइसीसी को सबक सिखाने’ की वकालत कर रहे हैं।
नई दिल्ली, प्रेट्र। बीसीसीआइ के पुराने अधिकारी, खासतौर से एन श्रीनिवासन गुट का हिस्सा रहे अधिकारी प्रशासकों की समिति (सीओए) के संभावित नतीजों को लेकर चेतावनी के बावजूद चैंपियंस ट्रॉफी से हटने के पक्ष में हैं। रविवार को होने वाली विशेष आम सभा (एसजीएम) से पहले सीओए ने दो सत्र में राज्य इकाइयों से मुलाकात की। एसजीएम में टूर्नामेंट से हटने के नतीजों पर विस्तृत चर्चा की जाएगी।
पता चला है कि उत्तर और पूर्व क्षेत्र की इकाइयों के सदस्य टूर्नामेंट से हटने के खिलाफ हैं, जबकि अब भी श्रीनिवासन द्वारा नियंत्रित दक्षिण क्षेत्र टूर्नामेंट से हटने के पक्ष में है। सौराष्ट्र (पश्चिम क्षेत्र) के निरंजन शाह जैसे कुछ पुराने अधिकारी ‘आइसीसी को सबक सिखाने’ के लिए खुले तौर पर हटने की वकालत कर रहे हैं। बैठक के दौरान यदि मतदान होता है तो मिश्रित फैसला फैसला आ सकता है। रिकॉर्ड के लिए बता दें कि रेलवे, सेना और अखिल भारतीय विश्वविद्यालय संस्थानिक वोट हैं जहां फैसला शीर्ष सरकारी स्तर पर होता है। इससे भी अधिक टीम चयन को लेकर विरोधाभाषी पक्ष है।
कार्यवाहक अध्यक्ष सीके खन्ना ने कहा कि आठ मई टीम चयन की तारीख है, लेकिन संयुक्त सचिव अमिताभ चौधरी ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा, ‘मैं समन्वयक हूं और मुझे पता नहीं है कि टीम का चयन सोमवार (आठ मई) को है।’ हालांकि, एक अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा कि कार्यवाहक अध्यक्ष सीके खन्ना का कहना गलत नहीं है। पदाधिकारी ने कहा, ‘अगर अमिताभ चौधरी बैठक नहीं बुलाते तो पूरी संभावना है कि सीईओ राहुल जौहरी, एमएसके प्रसाद और उनके साथियों को टीम की घोषणा का निर्देश दे सकते हैं।’