शास्त्री से धौनी ने लिए बैटिंग टिप्स
ऑस्ट्रेलियाई दौरे में लचर प्रदर्शन के बाद विश्व कप के शुरुआती मैच में पाकिस्तान के खिलाफ शानदार जीत से भारतीय क्रिकेट टीम को भले ही जश्न मनाने का मौका मिला हो, लेकिन अब भी कुछ ऐसे विभाग हैं जिन पर काम करने की जरूरत है और इनमें कप्तान महेंद्र सिंह
मेलबर्न। ऑस्ट्रेलियाई दौरे में लचर प्रदर्शन के बाद विश्व कप के शुरुआती मैच में पाकिस्तान के खिलाफ शानदार जीत से भारतीय क्रिकेट टीम को भले ही जश्न मनाने का मौका मिला हो, लेकिन अब भी कुछ ऐसे विभाग हैं जिन पर काम करने की जरूरत है और इनमें कप्तान महेंद्र सिंह धौनी की बल्लेबाज के रूप में खराब फॉर्म भी शामिल है।
इसलिए यह देखकर वास्तव में हैरानी नहीं हुई कि कप्तान ने बुधवार को सेंट किल्डा जंक्शन ओवल मैदान पर भारतीय टीम के अभ्यास सत्र के दौरान टीम निदेशक रवि शास्त्री के साथ पर्याप्त समय बिताया। नेट सत्र के बाद धौनी स्क्वायर लेग क्षेत्र में गए, जहां शास्त्री कुर्सी पर बैठे हुए थे। इन दोनों को चर्चा में लीन देखा गया जिसके बाद पूर्व भारतीय कप्तान को पुल शॉट खेलने के लिए शरीर के मूवमेंट और संतुलन की सीख देते देखा गया।
ऑस्ट्रेलियाई विकेटों के बारे में शास्त्री के ज्ञान पर सवाल नहीं उठाए जा सकते हैं, क्योंकि वह 1985 में बेंसन एंड हेजेज सीरीज के दौरान 'मैन ऑफ द सीरीज' या 'चैंपियंस ऑफ चैंपियन' रहे थे। उन्होंने 1991-92 सीरीज के दौरान सिडनी में दोहरा शतक भी लगाया था।
धौनी ने जो पिछले दस वनडे खेले हैं उनमें उन्होंने केवल एक अर्धशतक (नाबाद 51) वेस्टइंडीज के खिलाफ लगाया था। उन्हें दो अन्य मैचों में बल्लेबाजी का मौका नहीं मिला। बाकी सात मैचों में वह केवल एक बार 30 रन के पार के पार पहुंच पाए। वह कुछ अवसरों पर अच्छी गेंदों पर आउट हुए, जबकि कभी उन्होंने खराब शॉट खेलकर अपना विकेट गंवाया। सच्चाई यह है कि दस अधिकृत वनडे के अलावा धौनी ऑस्ट्रेलिया और अफगानिस्तान के खिलाफ दो अभ्यास मैचों में भी नहीं चल पाए। इन मैचों में उन्होंने शून्य और दस रन बनाए।
उन्हें कुछ अवसरों पर पारी संवारने के लिए समय नहीं मिला, लेकिन भारतीय कप्तान को शॉट के अपने चयन पर काम करने की जरूरत है। वह अभी 33 साल के हैं और समय के साथ उनके रिफलेक्शन भी धीमे पड़ते जा रहे हैं। कप्तान इससे वाकिफ हैं और इसलिए वह इस समस्या से पार पाने की कोशिशों में लगे हुए हैं।
धौनी ने पाकिस्तान के खिलाफ एडिलेड में तेज गेंदबाज सोहेल खान के खिलाफ पुल शॉट लगाया, लेकिन गेंद हवा में लहरा गई। वह आड़े बल्ले से शॉट खेलने के लिए पीछे गए, लेकिन गेंद जल्दी उनके पास पहुंच गई। वह सही समय पर शॉट नहीं लगा पाए जैसा कि कुछ साल पहले तक लगाया करते थे। इसलिए नेट्स पर उन्होंने धवल कुलकर्णी, मुहम्मद शमी और यहां तक कि भुवनेश्वर कुमार की शॉर्ट पिच गेंदों पर शॉट लगाने का अभ्यास किया। उन्होंने लगातार पुल शॉट खेले।