63 हजार रुपये नहीं होने से टूट गया इस चैंपियन खिलाड़ी का सपना
छह माह पहले केप टाउन में खेले गए प्रथम ब्लाइंड टी20 विश्व कप के फाइनल में चिरप्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को हराकर भारत को चैंपियन बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले अमोल करचे घर में बैठे अपने उन साथियों के बारे में सोच रहे थे, जो लंदन की उड़ान पकड़ चुके थे।
सुबोध मयूरे (मिड-डे), पुणे। छह माह पहले केप टाउन में खेले गए प्रथम ब्लाइंड टी20 विश्व कप के फाइनल में चिरप्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को हराकर भारत को चैंपियन बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले अमोल करचे घर में बैठे अपने उन साथियों के बारे में सोच रहे थे, जो लंदन की उड़ान पकड़ चुके थे।
भारत की विश्व कप विजेता टीम के ज्यादातर सदस्य इंग्लैंड और बहरीन दौरे के लिए शुक्रवार को रवाना हो गए। लेकिन 20 वर्षीय अमोल इस दौरे पर जाने के लिए 63 हजार रुपये का इंतजाम नहीं कर सका। मध्यम तेज गेंदबाज अमोल ने विश्व कप के सात मैचों में सात विकेट चटकाए थे। उन्होंने सात दिसंबर, 2014 को खेले गए फाइनल में पाकिस्तान के दो बल्लेबाजों को पवेलियन भेजा था।
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दौरे पर न जाने पाने से मायूस फगूर्सन कॉलेज में बीए प्रथम वर्ष के छात्र अमोल ने कहा, 'मैंने इंग्लैंड दौरे के लिए कड़ी मेहनत की थी। लेकिन मैं 63 हजार रुपये का बंदोबस्त करने में असफल रहा। मैंने एक बेहतरीन मौका गंवा दिया।' अमोल ने कहा कि उन्होंने स्थानीय ब्लाइंड क्रिकेट एसोसिएशन से भी संपर्क किया था। हालांकि एसोसिएशन ने उनकी मांग ठुकराई नहीं, लेकिन उसने उन्हें बाद में कोई जवाब भी नहीं दिया। यहां तक की स्थानीय पार्षद भी उसके लिए कुछ नहीं कर सके। अमोल ने कहा, 'मैं बेहद दुखी हूं, क्योंकि विश्व कप जीतने वाली टीम में मैं महाराष्ट्र का अकेला खिलाड़ी था। मुझे दौरे पर जाने के लिए एक रुपये की मदद भी किसी ने नहीं की। विश्व कप में अच्छे प्रदर्शन के बाद मेरा सारा ध्यान इंग्लैंड दौरे पर था। मुझे इंग्लैंड दौरे में अच्छा प्रदर्शन करने का भरोसा था।'
अमोल के पिता की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं है कि वह अपने बेटे की यह इच्छा पूरी कर सकते। उसके पिता पुणे एयरपोर्ट के करीब स्थित लोहागांव के एक गरीब किसान हैं। विश्व कप में टीम का सारा खर्च क्रिकेट एसोसिएशन फॉर द ब्लाइंड ने उठाया था। अमोल ने कहा कि मैं जानता था कि इंग्लैंड दौरे के लिए धन की व्यवस्था करना मुश्किल होगा, लेकिन यह नहीं जानता था कि कोई मुझे एक रुपया भी नहीं देगा।