जब अनुभव और जज्बा मौके पर काम आए तो उसको कहते हैं 'मिस्टर क्रिकेट'
जब किसी खिलाड़ी का अनुभव, हुनर और जज्बा मौके पर काम आए तब उसको कहते हैं 'मिस्टर क्रिकेट'। ये नाम आखिर ऑस्ट्रेलिया के धुरंधर 39 वर्षीय क्रिकेटर माइक हसी को क्यों दिया गया इसका एक नमूना शुक्रवार रात देखने को मिल गया। बेंगलूर के खिलाफ अहम मुकाबले में वो मैदान
(शिवम् अवस्थी), नई दिल्ली। जब किसी खिलाड़ी का अनुभव, हुनर और जज्बा मौके पर काम आए तब उसको कहते हैं 'मिस्टर क्रिकेट'। ये नाम आखिर ऑस्ट्रेलिया के धुरंधर 39 वर्षीय क्रिकेटर माइक हसी को क्यों दिया गया इसका एक नमूना शुक्रवार रात देखने को मिल गया। बेंगलूर के खिलाफ अहम मुकाबले में वो मैदान पर उतरे और सभी को हैरान करते हुए उन्होंने विजयी पारी खेली।
- यादगार पारी, शानदार खिलाड़ीः
'मिस्टर क्रिकेट' के नाम से मशहूर हसी शुक्रवार को दूसरे क्वालीफायर मैच में तब पिच पर आए जब चेन्नई ने अपने तीन अहम विकेट 61 रन के स्कोर पर गंवा दिए थे। उन्होंने न सिर्फ धीरे-धीरे पारी को बढ़ाया बल्कि समय-समय रनों की रफ्तार भी बढ़ाई। हसी ने 46 गेंदों पर 56 रनों की शानदार पारी खेली जिसमें 2 छक्के और 3 चौके शामिल थे। इस दौरान चौथे विकेट के लिए उन्होंने धौनी के साथ 44 रनों की साझेदारी भी की जिसने लड़खड़ाती चेन्नई की पारी को संभालने में मदद दी।
- मिस्टर क्रिकेट जैसा कोई नहींः
उन्हें अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लिए तकरीबन 2-3 साल हो चुके हैं। उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई टीम से किनारा करने का फैसला खुद लिया था। बाद में कंगारू टीम को उनकी कमी महसूस हुई लेकिन हसी ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। वो आइपीएल में चेन्नई सुपरकिंग्स के लिए हमेशा से अहम खिलाड़ी रहे हैं।
बीच में कुछ समय के लिए वो मुंबई की टीम में जरूर गए लेकिन एक बार फिर चेन्नई ने अपने इस धुरंधर को 39 साल की उम्र में भी अपनी टीम में शामिल करना सही समझा। इस टूर्नामेंट में वो शुरुआत से बेंच पर ही बैठे थे लेकिन ब्रैंडन मैकुलम के अंतरराष्ट्रीय सीरीज में खेलने की वजह से उनके जाने के बाद धौनी ने जिस खिलाड़ी पर भरोसा किया, वो हसी ही थे। हसी ने भी अपने कप्तान को निराश नहीं किया और साबित कर दिया कि वो बड़े मैच के खिलाड़ी थे, और हमेशा बड़े खिलाड़ी ही रहेंगे।