मिलिए 35 साल के नए युवराज से, जिसने फिर से जमा दी है टीम में अपनी धाक
युवराज सिंह इस बार बदले से नजर आ रहे हैं। जो लोग समझ रहे थे कि उनकी उम्र हो गई, युवी ने उन्हें गलत साबित कर दिया है।
कटक, अभिषेक त्रिपाठी। तीन अक्टूबर, 2000 को 18 साल, नौ महीने की उम्र में भारत के लिए पहला वनडे खेलने वाले युवराज ने 60 वनडे और तीन साल बाद इस सीरीज के जरिए जिस तरह की वापसी की है उससे लगता है कि उनको चुका मानने वालों ने भारी गलती कर दी। दिसंबर में 35 साल के हुए युवराज हाल में हुई अपनी शादी के बाद ज्यादा फिट, ज्यादा जोशीले और ज्यादा ताकतवर लग रहे हैं।
युवराज ने गुरुवार को बाराबती स्टेडियम में जिस तरह से 127 गेंदों पर 21 चौकों और तीन छक्कों की मदद से अपने करियर का सर्वश्रेष्ठ स्कोर बनाया वह अपने आप में अद्भुत है। टीम में स्थायी जगह नहीं होने के कारण उनके बल्ले में प्रायोजक का कोई स्टीकर नहीं था, लेकिन उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे वनडे में 23वें ओवर में जिस तरह से स्टोक्स की गेंद पर लॉफ्टेड शॉट के जरिये छक्का मारा तो निश्चित ही प्रायोजक यह सोच रहे होंगे उन्होंने इस बल्लेबाज को अकेला क्यों छोड़ा।
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पुणे में सीरीज के पहले वनडे में वह सिर्फ 15 रनों पर आउट हो गए थे। इसके बाद सवाल उठने लगे थे कि क्या यह उनकी आखिरी सीरीज है, लेकिन जिस तरह से उन्होंने कटक में पुराने अंदाज में पुल शॉट, स्ट्रेट ड्राइव, लॉफ्टेड शॉट खेले हैं, उससे तो लगता है कि यह उनकी सबसे बेहतरीन सीरीज होने वाली है।
टी-20 विश्व कप में थे थके-थके
इस सीरीज के पहले 11 दिसंबर, 2013 को युवी ने आखिरी वनडे खेला था। 2011 विश्व कप के हीरो युवराज ने 2012 में कैंसर को परास्त कर फिर से क्रिकेट में वापसी की थी, लेकिन इसके बाद वह ऐसा प्रदर्शन नहीं कर पाए जिससे उनकी टीम में जगह पक्की हो। वह कई बार टीम में आए, लेकिन फिर उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया गाय। 2014 के बाद उन्होंने पिछले साल टी-20 के जरिये टीम इंडिया में वापसी की थी। 2016 में उन्हें 26 जनवरी से 27 मार्च के बीच ही भारत के लिए 15 टी-20 मैच खेलने को मिले, लेकिन इसमें उनकी सर्वश्रेष्ठ पारी सिर्फ 35 रन की रही। पिछले साल के कुछ मैचों को छोड़ दें तो वह अधिकतर समय लाइन ही मिलाते रहे।
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कोहली के पसंदीदा युवी
युवराज के पिता योगराज हमेशा से आरोप लगाते रहे हैं धौनी से अच्छे संबंध नहीं होने के कारण युवी को टीम से बाहर किया जाता रहा। यह संयोग है कि धौनी के कप्तानी छोड़ने और विराट कोहली के वनडे कप्तान बनने के बाद युवी की टीम में वापसी हुई। युवराज जब कटक में शतक लगाने के करीब थे तब विराट पवेलियन में आ गए। वह बेहद उत्साहित दिख रहे थे। जैसे ही युवी का शतक पूरा हुआ वह ड्रेसिंग रूम में टीम के बाकी साथियों के साथ जोशीले अंदाज में उनका हौसला बढ़ाते हुए नजर आए। हालांकि कोहली ने ऐसा ही धौनी के शतक पूरा होने के दौरान किया। जब युवी ने शतक मारने के बाद दूसरा बल्ला मंगाया तो अतिरिक्त खिलाड़ी दो बल्ले लेकर मैदान में आए। एक बल्ले में स्टीकर लगा था दूसरे में नहीं। युवी ने बिना स्टीकर वाला बल्ला लिया तब भी विराट इस बल्ले चयन के बारे में हंसते हुए कुछ बता रहे थे। युवी ने अपने को कैच आउट देने के खिलाफ रिव्यू लिया तो विराट कोच अनिल कुंबले से उनके रिव्यू लेने के तरीके पर जोर से हंस रहे थे।