पीटरसन की वापसी से मजबूत होगी दिल्ली डेयरडेविल्स
दुबई। लगातार दो हार से निराशाजनक अभियान शुरू करने वाली सनराइजर्स हैदराबाद की टीम शुक्रवार को लगातार अच्छा प्रदर्शन करने में असफल रही दिल्ली डेयरडेविल्स से भिड़ेगी। इस मैच में दिल्ली की टीम केविन पीटरसन की वापसी से मजबूत होगी। हैदराबाद की टीम अपने शुरुआती सत्र में प्ले ऑफ तक पहुंची थी लेकिन इस साल उसका अभियान निराश
दुबई। लगातार दो हार से निराशाजनक अभियान शुरू करने वाली सनराइजर्स हैदराबाद की टीम शुक्रवार को लगातार अच्छा प्रदर्शन करने में असफल रही दिल्ली डेयरडेविल्स से भिड़ेगी। इस मैच में दिल्ली की टीम केविन पीटरसन की वापसी से मजबूत होगी।
हैदराबाद की टीम अपने शुरुआती सत्र में प्ले ऑफ तक पहुंची थी लेकिन इस साल उसका अभियान निराशाजनक तरीके से शुरू हुआ। पहले मैच में उसे राजस्थान रॉयल्स से 4 विकेट से पराजय मिली और फिर ग्लेन मैक्सवेल की शानदार पारी से किंग्स इलेवन पंजाब ने उसे 72 रन से शिकस्त दे दी। टीम इससे तालिका में निचले स्थान पर बनी हुई है। वहीं दिल्ली का प्रदर्शन उतार-चढ़ाव भरा रहा है। उसने अपने अभियान की शुरुआत आरसीबी के हाथों 8 विकेट की हार से की। फिर उसने कोलकाता नाइटराइडर्स के खिलाफ अगले मैच में वापसी की, लेकिन पिछले मैच में चेन्नई से उसे 93 रन की शर्मनाक हार मिली।
दिल्ली डेयरडेविल्स
मजबूती-ऐसा लग रहा था कि दिल्ली का अभियान नियमित कप्तान केविन पीटरसन की अनुपस्थिति से प्रभावित हुआ, जो अंगुली में चोट के कारण अभी तक तीनों मैचों में नहीं खेल पाए हैं। हैदराबाद के खिलाफ इंग्लैंड के पूर्व कप्तान के दिल्ली की अगुआई करने की उम्मीद है जिससे उसकी बल्लेबाजी को भी मजबूती मिलेगी।
कमजोरी-सलामी बल्लेबाज मुरली विजय अभी तक कुछ खास नहीं कर पाए हैं। दिनेश कार्तिक भी पुरानी लय नहीं हासिल कर सके हैं। ओपनर मयंक अग्रवाल, मध्यक्रम में मनोज तिवारी और जेपी डुमिनी भी पिछले मैच में सस्ते में आउट हो गए।
सनराइजर्स हैदराबाद
मजबूती-अगर वर्तमान प्रदर्शन को देखें तो तेज गेंदबाज डेल स्टेन और भुवनेश्वर कुमार के अलावा टीम में कुछ खास नहीं दिखाई दे रहा है। यही दोनों अपने कंधों पर टीम को ढो रहे हैं। पिछले मैच में स्टेन ने चार ओवर में 26 रन खर्च किये थे जबकि भुवी ने इतने ही ओवर में 19 रन देकर तीन विकेट लिए थे। उनको यहां की पिच पर गेंदबाजी करने में मजा आ रहा है लेकिन बल्लेबाजी से कोई खास सहयोग नहीं मिल रहा है।
कमजोरी-टीम में कमजोरी की भरमार है। एरोन फिंच, शिखर धवन और डेविड वार्नर के बल्ले से रन ही नहीं निकल रहे हैं। लोकेश राहुल और वेणुगोपाल राव जैसे बल्लेबाज तो टी-20 फॉर्मेट के ही मुफीद नहीं लगते। बड़े लक्ष्य का पीछा करते समय राहुल और राव के हाथ-पांव फूल जाते हैं। डेरेन सैमी भी ताबड़तोड़ बल्लेबाजी दिखा पाने में असफल रहे हैं।