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महाराष्ट्र को हराकर कर्नाटक ने 7वीं बार जीता रणजी खिताब

कर्नाटक ने रविवार को फाइनल मैच के पांचवें और अंतिम दिन महाराष्ट्र को सात विकेट से हराते हुए सातवीं बार रणजी ट्रॉफी खिताब अपने नाम किया।

By Edited By: Published: Sun, 02 Feb 2014 05:48 PM (IST)Updated: Sun, 02 Feb 2014 09:35 PM (IST)
महाराष्ट्र को हराकर कर्नाटक ने 7वीं बार जीता रणजी खिताब

हैदराबाद। कर्नाटक ने रविवार को फाइनल मैच के पांचवें और अंतिम दिन महाराष्ट्र को सात विकेट से हराते हुए सातवीं बार रणजी ट्रॉफी खिताब अपने नाम किया।

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आखिरी दिन कर्नाटक को दो सत्र से कुछ अधिक समय में 157 रन का लक्ष्य हासिल करना था और उसके बल्लेबाजों ने 40.5 ओवर में तीन विकेट के नुकसान पर लक्ष्य हासिल कर लिया। रॉबिन उथप्पा (36), लोकेश राहुल (29) और अमित वर्मा (38) ने छोटी, लेकिन उम्दा पारियां खेलीं जिससे कर्नाटक ने 2009-10 फाइनल में मुंबई के हाथों छह रन की शिकस्त की निराशा को पीछे छोड़कर जीत दर्ज की।

युवा सलामी बल्लेबाज राहुल को पहली पारी में शतक जड़ने के लिए मैन ऑफ द मैच चुना गया। कर्नाटक को इस जीत के लिए दो करोड़ रुपये मिले। उपविजेता रही महाराष्ट्र की टीम को एक करोड़ रुपये मिले, लेकिन टीम को निराशा होगी कि वह रणजी खिताब के सात दशक से भी अधिक लंबे सूखे को खत्म नहीं कर सकी।

अंतिम दिन महाराष्ट्र दूसरी पारी में छह विकेट पर 272 रन से आगे खेलने उतरा। महाराष्ट्र के पुछल्ले बल्लेबाज टिककर खेले जिससे टीम 366 रन बनाने में सफल रही। श्रीकांत मुंधे ने 75 गेंद में 42 रन बनाए। कर्नाटक के मजबूत बल्लेबाजी क्रम को देखते हुए 157 रन का लक्ष्य काफी मुश्किल नहीं था। महाराष्ट्र के तेज गेंदबाज समद फल्लाह ने शुरुआत में बल्लेबाजों को परेशान किया, लेकिन उथप्पा ने आक्रामक रुख दिखाते हुए कनार्टक की राह आसान कर दी। प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 300 विकेट पूरे करने वाले कर्नाटक के कप्तान आर विनय कुमार ने कहा कि रणजी ट्रॉफी खिताब जीतने से अधिक संतोषजनक कुछ नहीं है।

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'हम पिछले कई सालों से अच्छा प्रदर्शन करते आ रहे थे, लेकिन खिताब जीतने में सफलता नहीं मिली। इस बार हम किसी भी हाल में खिताब जीतना चाहते थे। पूरी टीम ने इसके लिए जोर लगाया। रणजी ट्रॉफी खिताब उठाना एक बहुत बड़ी उपलब्धि है और इसके लिए मैं अपनी टीम के साथी खिलाड़ियों को धन्यवाद देना चाहूंगा।'

- विनय कुमार, कर्नाटक के कप्तान

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'मुझे अपनी टीम पर गर्व है। पहले मैच से खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन किया। टीम एक इकाई की तरह खेली। जब हमने क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई तब हमें यह लगने लगा कि हम ट्रॉफी जीत सकते हैं। इसी विश्वास के दम पर हम फाइनल में पहुंचे, लेकिन फाइनल मैच में कुछ कैच टपकाना हमें नुकसान कर गया।'

- रोहित मोटवानी, महाराष्ट्र के कप्तान

संक्षिप्त स्कोर:

महाराष्ट्र पहली पारी 305 रन , दूसरी पारी 366 रन

कर्नाटका पहली पारी 515 रन, दूसरी पारी 157 पर तीन विकेट

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