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EXCLUSIVE: सीएसके के खिलाडिय़ों को रिटेन करने के खिलाफ किंग्स इलेवन

आइपीएल के 10 संस्करण पूरे हो चुके हैं और अगले वर्ष 11वां संस्करण बहुत सारे बदलावों के साथ दिखाई देगा।

By Sanjay SavernEdited By: Published: Tue, 21 Nov 2017 08:38 PM (IST)Updated: Wed, 22 Nov 2017 05:25 PM (IST)
EXCLUSIVE: सीएसके के खिलाडिय़ों को रिटेन करने के खिलाफ किंग्स इलेवन
EXCLUSIVE: सीएसके के खिलाडिय़ों को रिटेन करने के खिलाफ किंग्स इलेवन

अभिषेक त्रिपाठी, नई दिल्ली। इंडियन प्रीमियर लीग (आइपीएल) के 10 संस्करण पूरे हो चुके हैं और अगले वर्ष 11वां संस्करण बहुत सारे बदलावों के साथ दिखाई देगा। आइपीएल की भविष्य की टीमें कैसी होंगी और उसमें क्या-क्या बदलाव होने चाहिए, इसको तय करने के लिए मुंबई में आइपीएल चेयरमैन राजीव शुक्ला की अध्यक्षता में बैठक हुई। इस बैठक में आठों फ्रेंचाइजियों के मालिक शामिल हुए। अधिकतर मालिक खुद बैठक में मौजूद थे तो कुछ स्काइप के जरिये जुड़े थे।

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निलंबन के बाद वापसी करने वाली टीमों को फायदा क्यों : बैठक में मौजूद बीसीसीआइ पदाधिकारी ने बताया कि किंग्स इलेवन पंजाब की सहमालिक डाबर कंपनी की तरफ से मोहित बर्मन ने साफतौर पर कहा कि दो साल के निलंबन के बाद वापसी कर रही चेन्नई सुपर किंग्स (सीएसके) और राजस्थान रॉयल्स को किसी भी खिलाड़ी को रिटेन करने का अधिकार नहीं मिलना चाहिए। स्पॉट फिक्सिंग के घेरे में आने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सीएसके और राजस्थान रॉयल्स को दो साल के लिए निलंबित कर दिया था। इसके बाद राइजिंग पुणे सुपरजाइंट्स और गुजरात लायंस को दो साल के लिए इस लीग में शामिल कर दिया गया था। सीएसके और आरआर के शीर्ष खिलाड़ी इन दोनों टीमों में बंट गए थे। अब सीएसके अपने कुछ पुराने खिलाडिय़ों और खासतौर पर कप्तान महेंद्र सिंह धौनी को अपने साथ दोबारा जोडऩा चाहती है। बीसीसीआइ के पदाधिकारी भी सीएसके और आरआर को गुजरात व पुणे के कुछ खिलाडिय़ों को रिटेन करने का अधिकार देने के पक्ष में हैं। हालांकि राजस्थान ने खुद ही रिटेंशन पॉलिसी को नकारते हुए सभी खिलाडिय़ों को खुली नीलामी के जरिये खरीदने का पक्ष रखा। 

मुंबई की मांग सबसे बड़ी : बीसीसीआइ इस बैठक के जरिये सभी टीम मालिकों की राय लेना चाहता था और इसके बाद अगले सत्रों के लिए नीति निर्धारित होगी। मुंबई इंडियंस की तरफ से इस बैठक में आकाश अंबानी भाग ले रहे थे। मुंबई की तरफ से पांच खिलाडिय़ों को रिटेन करने और दो खिलाडिय़ों के राइट टू मैच करने का अधिकार देने का सुझाव दिया गया। राइट टू मैच के जरिये कोई टीम रिलीज किए गए खिलाड़ी को नीलामी में दूसरी टीम के खरीदने के बावजूद अपने पक्ष में जोड़ सकती है। वहीं सीएसके की तरफ से तीन खिलाडिय़ों को रिटेन करने का प्रस्ताव रखा गया। रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू, कोलकाता नाइटराइडर्स (केकेआर) और सनराइजर्स हैदराबाद भी दो से पांच खिलाडिय़ों को रिटेन करने के पक्ष में रहे। पंजाब दो खिलाडिय़ों को ही रिटेन करने के पक्ष में है।

जमकर बोले शाहरुख : केकेआर के मालिक शाहरुख खान ने भी इस बैठक में जमकर अपना पक्ष रखा। उन्होंने खिलाडिय़ों को रिटेन करने के पक्ष में सहमति तो जताई ही, साथ ही खिलाडिय़ों को खरीदने के लिए निर्धारित 66 करोड़ रुपये को बढ़ाने का सुझाव दिया। बैठक में मौजूद पदाधिकारी ने कहा कि सभी फ्रेंचाइजी इस बात पर सहमत थीं कि खिलाडिय़ों को खरीदने का कुल बजट बढऩा चाहिए। इसे 75 से 85 करोड़ रुपये करने का सुझाव रखा गया है। अगर ऐसा होता है तो इस बार नीलामी में खिलाडिय़ों पर और ज्यादा धन बरसेगा। 


आइपीएल खिलाडिय़ों के कॉर्पोरेट लीग में खेलने के खिलाफ दिल्ली : दिल्ली डेयरडेविल्स के मालिकों ने बैठक में एक अहम मुद्दे पर सवाल उठाए। उनकी ओर से कहा गया कि जो खिलाड़ी आइपीएल में खेलते हैं उनके कॉर्पोरेट लीग में खेलने पर विचार किया जाए। उनका इशारा दिल्ली के उन खिलाडिय़ों पर था जो कॉर्पोरेट लीग में रिलायंस की टीम से खेलते हैं। ऐसे में जब दिल्ली-मुंबई का मैच होता है तो उनकी मानसिक भावना में असर पड़ता है। इस बैठक में शुक्ला के अलावा सभी आठों टीमों के मालिक, कार्यवाहक अध्यक्ष सीके खन्ना, कोषाध्यक्ष अनिरुद्ध चौधरी, कार्यवाहक सचिव अमिताभ चौधरी और सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त प्रशासकों की समिति के मुखिया विनोद राय मौजूद थे।

इंग्लैंड में नहीं, भारत में ही होगी नीलामी

दो फ्रेंचाइजी मालिक आइपीएल की नीलामी प्रक्रिया इंग्लैंड में कराना चाहता था लेकिन बाकी टीमों के मालिकों ने इसे भारत में ही कराने के लिए कहा। अब नीलामी प्रक्रिया वृहद रूप में बेंगलुरु, मुंबई या गोवा में हो सकती है। हालांकि टीमों की वर्कशॉप इस बार देश से बाहर होगी। इस पर सहमति बन गई है।


एसजीएम से पहले आइपीएल संचालन परिषद की बैठक

बीसीसीआइ की विशेष आम सभा (एसजीएम) नौ दिसंबर को दिल्ली में होनी है। अब आइपीएल संचालन परिषद की बैठक इससे पहले हो सकती है जिसमें आइपीएल की नीलामी प्रक्रिया के नियम, टीमों के स्वरूप आदि तय होंगे। इसके बाद इसे बीसीसीआइ की एसजीएम में पेश किया जाएगा जिस पर सहमति बनने पर इसे लागू कर दिया जाएगा।

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