जानिए क्यों भारत-श्रीलंका पहले टेस्ट मैच का नतीजा तय है, दिलचस्प हैं आंकड़े
पहले टेस्ट में भारतीय टीम शानदार स्थिति में नजर आ रही है। मैच के तीसरे दिन के अंत तक या चौथे दिन में ही भारत अपनी जीत तय कर सकता है।
शिवम् अवस्थी, नई दिल्ली, [स्पेशल डेस्क]। भारत और श्रीलंका के बीच गॉल में जारी पहले टेस्ट में टीम इंडिया बेहद मजबूत स्थिति में पहुंच चुकी है। पहली पारी में 600 रनों का विशाल स्कोर खड़ा करने के बाद दूसरे दिन का खेल खत्म होने तक श्रीलंका ने अपनी पहली पारी में 154 रन के अंदर 5 विकेट विकेट गंवा दिए थे। श्रीलंका को अब भी फॉलोऑन से बचने के लिए 247 रन बनाने होंगे। वैसे आंकड़ों के लिहाज से हम अभी से कुछ आंकड़े आपकेे सामने रख देते हैं जो साबित करते हैं कि इस मैच का नतीजा तय है और पूरी उम्मीद भारत की जीत की ही है।
- औसत स्कोर
गॉल का मैदान बेशक भारतीय क्रिकेट टीम के लिए अब तक लकी नहीं रहा है लेकिन इस मैच के शुरुआती आंकड़े काफी कुछ कह रहे हैं। दरअसल, गॉल मैदान पर औसत स्कोर अब तक 376 रन माना जाता था और भारत पहली पारी में 600 रन बनाते हुए न सिर्फ इस औसत स्कोर से काफी आगे निकल चुकी है बल्कि पहली पारी में अपना पिछला रिकॉर्ड (329 रन) भी तोड़ चुकी है। इस मैदान पर अब तक सबसे बड़ा स्कोर 628 रन रहा है और भारत इसी के करीब रहा, हालांकि वो रिकॉर्ड दूसरी पारी में दर्ज हुआ था। इसके अलावा आपको ये भी बता दें कि इस मैदान पर सभी पारियों का औसत स्कोर क्या है..
पहली पारी का औसत स्कोर- 376 रन
दूसरी पारी का औसत स्कोर- 312 रन
तीसरी पारी का औसत स्कोर- 229 रन
चौथी पारी का औसत स्कोर- 147 रन
- तो ये है बात..
टेस्ट क्रिकेट में हर मैदान पर पारी दर पारी स्कोर कम होता ही है लेकिन यहां पर पारियों में औसत स्कोर का फासला काफी तेजी से घटता देखा गया है। इसकी बड़ी वजह रही है यहां की पिच। विशेषज्ञों के मुताबिक गॉल की पिच आने वाले दिनों में टूटती जाएगी और बल्लेबाजों के लिए मुश्किल ट्रैक बनता जाएगा। क्रिकेट एक्सपर्ट विभोर सक्सेना कहते हैं, 'गॉल का मैदान इस चीज के लिए मशहूर रहा है और आने वाले दिनों में यहां स्थिति बल्लेबाजों को लुभाने नहीं वाली। पहली पारी के बाद स्थिति बिगड़ना तय थी और श्रीलंका की मौजूदा पारी में ये दिखने भी लगा है।' यानी अब तक दोनों टीमों के स्पिनर्स जो पूरी तरह से लय में नहीं दिख रहे हैं, वे दूसरी पारी में लय में आ सकते हैं। भारत के पेसर्स ने तो अच्छा प्रदर्शन किया ही है, साथ में हमारे पास अच्छे स्पिनर्स भी मौजूद हैं, स्कोर भी बड़ा खड़ा हो चुका है और श्रीलंका पर फॉलोऑन का खतरा भी मंडरा रहा है। हर लिहाज से देखें तो नतीजा निकलना तय नजर आ रहा है, जो कि भारत के पक्ष में रहने की ही पूरी संभावना है। वैसे भी पिछले तीन सालों में श्रीलंकाई पिचों पर कोई भी टेस्ट ड्रॉ नहीं रहा है।
- 2002 का वो मुकाबला
गॉल के मैदान पर चौथी पारी में खेलना बेहद चुनौतीपूर्ण काम रहा है। इस मैदान का सबसे कम औसत स्कोर भी चौथी पारी का रहा है, साथ ही इस मैदान का सबसे कम स्कोर भी चौथी पारी में ही देखने को मिला था। वो मैच था 2002 में हुआ श्रीलंका-जिंबाब्वे का मुकाबला। उस मैच की चौथी पारी में जिंबाब्वे की टीम 79 रन पर ही सिमट गई थी और स्पिनर्स मुथैया मुरलीथरन और जयसूर्या ने चार-चार विकेट लेकर कहर ढाया था। श्रीलंका अगर कुछ करिश्माई करने में सफल भी रही तब भी उसे चौथी पारी में इस मैदान का रिकॉर्ड सताएगा जरूर।