क्या शास्त्री और गांगुली के बीच रही है पुरानी अनबन ?
भारतीय टीम के पूर्व निदेशक रवि शास्त्री ने साफ किया कि उन्होंने भारतीय क्रिकेट टीम के साथ अपनी भूमिका निभा ली है और अब समय आगे बढऩे का है।
कोलकाता। भारतीय टीम के पूर्व निदेशक रवि शास्त्री ने साफ किया कि उन्होंने भारतीय क्रिकेट टीम के साथ अपनी भूमिका निभा ली है और अब समय आगे बढऩे का है। शास्त्री हाल में नए मुख्य कोच की दौड़ में पूर्व कप्तान अनिल कुंबले से पिछड़ गए थे।
उन्होंने कहा, 'जहां तक मेरा सवाल है तो वो अध्याय खत्म हो चुका है। मेरा विश्वास है कि अब आगे बढऩे का समय है। इस संबंध मैं और कुछ नहीं कहना चाहता हूं। रिपोर्टों के अनुसार जब क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) ने शास्त्री का इंटरव्यू लिया तब उसके सदस्य सौरव गांगुली उपस्थित नहीं थे, जो 1985 में बेंसन एंड हेजेस कप के नायक को नागवार गुजरा। गांगुली की अनुपस्थिति के बारे में पूछे जाने पर शास्त्री ने तल्ख अंदाज में कहा, 'अब तो हद हो गई। मैं इस पर कुछ नहीं कहना चाहता हूं।
हालांकि बीसीसीआइ के एक वरिष्ठ अधिकारी से बात करने पर साफ हो गया है कि भारतीय टीम के इन दो पूर्व कप्तानों के बीच रिश्ते अच्छे नहीं हैं। बीसीसीआइ सू़त्रों ने गोपनीयता की शर्त पर कहा, 'गांगुली का हमेशा से मानना रहा है कि एक मशहूर कमेंटेटर के तौर पर शास्त्री ने उन्हें भारतीय टीम को नई उंचाईयों पर पहुंचाने का श्रेय कभी नहीं दिया। इसी तरह से शास्त्री का भी मानना है कि राष्ट्रीय कोच बनने की इच्छा रखने वाले गांगुली उनकी स्थिति कमजोर करना चाहते थे। लेकिन यदि सौरव ने कुंबले की प्रस्तुति देखी थी तो उन्हें शास्त्री के इंटरव्यू के दौरान भी उपस्थित रहना चाहिए था।
कहा जा रहा है कि शास्त्री ने अपनी कोई प्रस्तुति न देकर केवल अपनी उपलब्धियों के बारे में बताया था। बोर्ड के ज्यादातर लोगों का मानना था कि नीति निर्धारकों को शास्त्री को बता देना चाहिए था कि वह इस पद के लिए आवेदन न करें, क्योंकि बीसीसीआइ किसी नए चेहरे की तलाश में है।