भारतीय क्रिकेट के सामने ये है एक बड़ी चुनौती, आखिर कैसे निकलेगा इसका हल?
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच हुए चौथे वनडे मैच में टीम इंडिया ने जिस तरह से मैच गंवाया उससे उनकी चौतरफा आलोचना हो रही है। विराट और धवन के बीच शानदार साझेदारी के बावजूद अन्य भारतीय बल्लेबाजों ने जीते जिताए मैच को हाथ से रेत की तरह फिसल जाने दिया।
(शिवम् अवस्थी), नई दिल्ली। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच हुए चौथे वनडे मैच में टीम इंडिया ने जिस तरह से मैच गंवाया उससे उनकी चौतरफा आलोचना हो रही है। विराट और धवन के बीच शानदार साझेदारी के बावजूद अन्य भारतीय बल्लेबाजों ने जीते जिताए मैच को हाथ से रेत की तरह फिसल जाने दिया। इस दौरान जहां भारतीय बल्लेबाजी क्रम की पोल खुली, वहीं, दूसरी ओर भारतीय गेंदबाजी क्रम में भी एक खास कमजोरी देखने को मिली। ये एक ऐसी कमजोरी है जो आने वाले समय में भारतीय क्रिकेट टीम को हर प्रारूप में भारी पड़ सकती है।
- सबसे सीनियर गेंदबाजः
जहीर खान के संन्यास लेने के बाद टीम इंडिया के गेंदबाजी आक्रमण में अब कोई ऐसा नाम नजर नहीं आ रहा है जो कि सभी गेंदबाजों को एक इकाई के तौर पर आगे रख सके। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि चौथे वनडे में भारतीय गेंदबाजी की अगुआइ करने वाले सबसे अनुभवी गेंदबाज इशांत शर्मा 77 रन लुटाकर ऑस्ट्रेलिया में सबसे महंगे भारतीय गेंदबाज बन गए। इससे पहले देवाशीष मोहंती ने 2000 में पाकिस्तान के खिलाफ होबॉर्ट में 76 रन दिए थे।
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- सिर्फ विकेट नहीं, अब जिम्मेदारी भी लेंः
इशांत ने इस मैच में 4 विकेट जरूर लिए लेकिन अपनी महंगी गेंदबाजी पर वो काबू नहीं पा सके नतीजतन ऑस्ट्रेलियाई टीम 348 के विशाल स्कोर तक पहुंचने में सफल रही। भारतीय टीम मैनेजमेंट को अब सुनिश्चित करना होगा कि इशांत अपनी जिम्मेदारी को सिर्फ इक्का-दुक्का मैचों में विकेट लेने तक सीमित न रखें बल्कि सबसे सीनियर गेंदबाज होने के नाते अन्य जिम्मेदारियों को भी कंधों पर उठाएं।