इस अनोखे अंदाज में टीम इंडिया ने किया फील्डिंग का अभ्यास
भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धौनी ने रविवार को विश्व कप मैच में मेलबर्न क्रिकेट ग्र्राउंड पर खूबसूरत फील्डिंग से दक्षिण अफ्रीका के एबी डिविलियर्स और डेविड मिलर को आउट करने वाले अपने अग्र्रिम पंक्ति के दो गेंदबाजों मोहित शर्मा और उमेश यादव की जमकर सराहना की थी।
पर्थ। भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धौनी ने रविवार को विश्व कप मैच में मेलबर्न क्रिकेट ग्र्राउंड पर खूबसूरत फील्डिंग से दक्षिण अफ्रीका के एबी डिविलियर्स और डेविड मिलर को आउट करने वाले अपने अग्र्रिम पंक्ति के दो गेंदबाजों मोहित शर्मा और उमेश यादव की जमकर सराहना की थी।
धौनी ने इस बात पर जोर दिया था कि अगर 280 रन बनाने के बाद आपके फील्डर 10-15 रन बचा लें, तो वे अहम साबित हो सकते हैं। दक्षिण अफ्रीका पर 130 रन की बेहतरीन जीत दर्ज करने के बाद धौनी ने कहा था, 'अगर कोई साझेदारी खतरनाक होती जा रही है, तो ऐसे में रन आउट मैच का टर्निंग प्वाइंट हो सकता है। मैं इन रन आउट से बेहद खुश हूं, क्योंकि हमारे तेज गेंदबाज ज्यादातर सीमा रेखा के पास तैनात रहते हैं। लेकिन मोहित और उमेश काफी तेज और अच्छा थ्रो करने वाले हैं। इसीलिए इस बात से कोई हैरत नहीं हुई कि भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट एसोसिएशन ग्र्राउंड (वाका) पर अपने पहले अभ्यास सत्र में केवल फील्डिंग को तवज्जो दी। भारत को इसी मैदान पर शनिवार को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से खेलना है। दो बजे वाले सत्र को भीषण गर्मी के कारण 90 मिनट देर से शुरू किया गया। क्रिकेटरों ने फील्डिंग अभ्यास का जमकर मजा भी लिया।
डमी कैच :
फील्डिंग के दौरान एक 'डमी कैच' सत्र था। खिलाडिय़ों के रिफ्लैक्स एक्शन बेहतर करने के मकसद से किया गया यह प्रयोग काफी रोचक था। सहायक कोच संजय बांगड़ ने खिलाडिय़ों को चार समूहों में बांट दिया। चार फील्डरों का समूह बांगड़ से दस मीटर की दूरी पर खड़ा था। बांगड़ जैसे ही अपने रैकेट से टेनिस बॉल को मारते पहला फील्डर 'डमी' होता और बाकियों को कैच लपकना था। टेनिस बॉल की वजह से कैच काफी ऊंचे आ रहे थे, जिसे लपकने के लिए खिलाड़ी को एक सेकेंड से भी कम समय मिलता था, क्योंकि आगे खड़ा खिलाड़ी ऐन मौके पर हटता था।
फील्डिंग मैच :
दूसरा सत्र 'फील्डिंग मैच' था, जिसमें दो टीमें बनाई गई थीं और विजेता का चयन इस आधार पर किया गया कि किसने प्लास्टिक के स्टंप पर सबसे ज्यादा सीधे थ्रो मारे हैं। इसमें खिलाडिय़ों को दो समूहों में बांटा गया। एक समूह में रैना, कोहली, शिखर धवन और स्टुअर्ट बिन्नी जैसे खिलाड़ी थे तो दूसरे में आर अश्विन और जडेजा वगैहरा। आठ-आठ खिलाडिय़ों के दो समूहों को एक दूसरे से 10 मीटर की दूरी पर समांतर खड़ा किया गया। आम तौर पर गेंद उठाकर थ्रो करनी होती है, लेकिन इसमें कुछ बदलाव था। दोनों कोच आर श्रीधर और बांगड़ अपने समूहों के सामने अलग-अलग कोण से शॉट्स खेल रहे थे। हर समूह से एक फील्डर को गेंद उठाकर सीधे थ्रो करना था। यह मुकाबला काफी जोरदार रहा। इस दौरान खिलाड़ी लगातार चिल्ला रहे थे, 'तेरा नहीं लगा, मेरा लगा। अंत में अंबाती रायुडू ने स्टंप गिराकर अपनी टीम को 6-5 से जीत दिला दी। इसके बाद खिलाडिय़ों ने फुटबॉल खेलने का फैसला किया।