टेस्ट में पड़े भारी, अब वनडे की बारी
ग्रीनपार्क स्टेडियम में भारतीय टीम का पलड़ा हमेशा भारी रहा है। भारतीय जांबाज दक्षिण अफ्रीका के साथ इस मैदान में तीन टेस्ट मैच खेल चुके हैं। इनमें से दो में भारत ने जीत दर्ज की जबकि एक मैच ड्रा हुआ। 11 अक्टूबर को दक्षिण अफ्रीका ग्रीनपार्क में अपना पहला वनडे
शिवा अवस्थी, कानपुर। ग्रीनपार्क स्टेडियम में भारतीय टीम का पलड़ा हमेशा भारी रहा है। भारतीय जांबाज दक्षिण अफ्रीका के साथ इस मैदान में तीन टेस्ट मैच खेल चुके हैं। इनमें से दो में भारत ने जीत दर्ज की जबकि एक मैच ड्रा हुआ। 11 अक्टूबर को दक्षिण अफ्रीका ग्रीनपार्क में अपना पहला वनडे खेलेगा। वहीं, दो बार भारत-दक्षिण अफ्रीका के बीच इस मैदान में तय हुए वनडे मैच ऐन वक्त पर रद हो चुके हैं।
भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच पहला टेस्ट मैच आठ से 12 दिसंबर 1996 में ग्रीनपार्क में खेला गया। यह मैच भारतीय टीम ने 280 रनों से जीता था। इसके बाद 20 से 24 नवंबर 2004 में खेले गए मैच का परिणाम नहीं निकल सका और यह बराबरी पर छूटा। तीसरा टेस्ट मैच 11 से 13 अप्रैल के बीच 2008 में खेला गया। इसमें भारत ने तीसरे ही दिन आठ विकेट से जीत दर्ज कर ली थी। पिच क्यूरेटर शिवकुमार कहते हैं, ग्रीनपार्क भारतीय बल्लेबाजों व गेंदबाजों के लिए हमेशा मुफीद रहा है। कभी गेंदबाजों ने जौहर दिखाया तो कभी बल्लेबाज चमके। इससे कह सकते हैं कि ग्रीनपार्क भारतीय टीम के लिए भाग्यशाली साबित हुआ है।
माही की कप्तानी में सुनहरा इतिहास
ग्रीनपार्क स्टेडियम भारतीय टीम के हरफनमौला क्रिकेटर महेंद्र सिंह धौनी की टेस्ट टीम की कप्तानी में पहली जीत का भी गवाह है। वर्ष 2008 में उनकी कप्तानी का मैच यहीं से जीता गया था। इसको लेकर भी माही के धुरंधर हमेशा इस मैदान में बेहतर प्रदर्शन करते हैं।
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हर टीम के छुड़ाए छक्के
ग्रीनपार्क मैदान में वैसे भी भारतीय टीम ने हर विदेशी टीम के छक्के छुड़ाए हैं। अब तक यहां खेले गए टेस्ट व वनडे मैचों में जीत का आंकड़ा सबसे बेहतर रहा है इसलिए दक्षिण अफ्रीका के साथ पहले वनडे में भी दर्शकों को बेहतर खेल के साथ जीत की आशाएं हैं।
दो बार प्रयास पर नहीं हुई भिड़ंत
ग्रीनपार्क स्टेडियम में भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच दो बार वनडे के प्रयास हुए लेकिन ऐन वक्त पर विभिन्न वजहों से भिड़ंत नहीं हो सकी। पहली कोशिश वर्ष 2003 में हुई लेकिन सीरीज का मैच नहीं मिला। दूसरा प्रयास वर्ष 2007 में किया गया लेकिन तब ड्रेसिंग रूम की कमी आड़े आ गई।