2016 में इन 16 भारतीय खिलाडियों पर रहेंगी सबकी नजरें
बीते वर्ष भारतीय खिलाड़ियों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खूब चमक बिखेरी, लेकिन नया साल 16 भारतीय खिलाड़ियों के लिए चुनौतीपूर्ण रहेगा।इंद्रजीत सिंह
नई दि्ल्ली। बीते वर्ष भारतीय खिलाड़ियों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खूब चमक बिखेरी, लेकिन नया साल 16 भारतीय खिलाड़ियों के लिए चुनौतीपूर्ण रहेगा।
महेंद्र सिंह धौनी
बीता वर्ष भले ही किस्मत के महाधनी महेंद्र सिंह धौनी के लिए अच्छा न रहा हो, लेकिन नए वर्ष में एक बार फिर उनसे करिश्मे की आस है। धौनी के धुरंधर भले ही वनडे विश्व कप खिताब बचाने में नाकाम रहे हो, लेकिन अपने ही देश में हो रहे टी-20 विश्व कप में वह जरूर विजय पताका फहराना चाहेंगे। आठ मार्च से तीन अप्रैल तक होने वाले विश्व कप से पहले माही सेना को साल के शुरू में ही ऑस्ट्रेलिया में कंगारू चुनौती से निपटना होगा। सीमित ओवरों की यह सीरीज और विश्व कप ही धौनी का भविष्य भी तय करेगा।
इशान किशन (कैप्टन, अंडर-19 क्रिकेट टीम)
धौनी के साथ ही उनके राज्य झारखंड के इशान किशन पर भी सभी की निगाहें रहेंगे। इशान बांग्लादेश में 27 जनवरी से 14 फरवरी तक होने वाले अंडर-19 विश्व कप में भारतीय टीम की अगुआई करेंगे। तीन बार की चैंपियन टीम को इस विकेटकीपर बल्लेबाज से भी धौनी के ही तरह तिरंगे की शान बढ़ाने की उम्मीद रहेगी।
लिएंडर पेस
42 की उम्र में अपना 17वां ग्रैंडस्लैम खिताब जीतने वाले लिएंडर पेस में अभी भी दम है। पेस अपने अंतिम ओलंपिक को पदक के साथ यादगार बनाना चाहेंगे। 1996 अटलांटा ओलंपिक में सिंगल्स में कांसा जीतने वाले एकमात्र भारतीय खिलाड़ी रिकॉर्ड सातवीं बार खेलों के सबसे बड़े महाकुंभ में उतरेंगे। इसके साथ ही पेस अपने ग्रैंडस्लैम खिताबों में भी इजाफा करने को बेताब होंगे।
जीतू रॉय
‘पिस्टल किंग’ के नाम से मशहूर निशानेबाज जीतू रॉय भी रियो में पदक पर निशाना साधने के लिए तैयार हैं। विश्व कप, कॉमनवेल्थ और एशियन गेम्स सहित सभी बड़ी स्पर्धाओं में स्वर्णिम सफलता हासिल करने वाले सेना के 25 वर्षीय निशानेबाज का अगला लक्ष्य ओलंपिक पदक अपनी झोली में डालना है।
मैरीकॉम
‘मैग्नीफिसेंट मैरी’ के नाम से मशहूर पांच बार की विश्व चैंपियन मुक्केबाज मैरीकॉम से रियो में स्वर्णिम पंच की आस है। लंदन ओलंपिक में कांसा जीतकर यह कारनामा करने वाली पहली भारतीय महिला मुक्केबाज बनी मैरी हर हाल में अपने पदक का रंग बदलना चाहेगी। उनके अलावा शिव थापा, विकास कृष्णन और मंदीप भी चमत्कारिक प्रदर्शन करने को बेताब होंगे।
रितु रानी की टीम
हॉकी वर्ल्ड लीग सेमीफाइनल में पांचवें स्थान पर रहते हुए 36 साल बाद ओलंपिक खेलने का सपना साकार करने वाली रितु रानी की लड़ाकियां भी चक दे इंडिया करने को बेताब हैं। 1980 मास्को ओलंपिक में चौथे स्थान पर रहने वाली भारतीय महिला हॉकी टीम इस बार पदक जीतकर नया इतिहास रचना चाहेगी।
साइना नेहवाल
भारतीय बैडमिंटन का चेहरा बन चुकीं साइना नेहवाल के लिए नए साल में सबसे बड़ी चुनौती अपने ओलंपिक पदक का रंग बदलने की होगी। बीते वर्ष रैंकिंग में नंबर वन बनने के साथ ही ऑल इंग्लैंड चैंपियनशिप और विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक जीतने पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बनकर साइना ने खूब धूम मचाई। इनके अलावा पीवी सिंधू और किदांबी श्रीकांत से भी ओलंपिक में अच्छे प्रदर्शन की आस है।
इंद्रजीत सिंह
शॉटपुटर इंद्रजीत सिंह रियो में एथलेटिक्स में भारत की सबसे बड़ी उम्मीद होंगे। उनके अलावा विश्व चैंपियनशिप की तीन हजार मीटर स्टीपलचेज स्पर्धा में राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाने वाली ललिता बाबर और 800 मीटर की धाविका टिटू लुका पर भी निगाह रहेंगी। अभी तक आठ पुरुष और सात महिलाओं सहित कुल 15 एथलीटों ने ओलंपिक का कोटा हासिल किया है।
पंकज आडवाणी
2015 में आइबीएसएफ वल्र्ड स्नूकर के रूप में अपना 15वां विश्व खिताब जीतकर तहलका मचाने वाले क्यू खिलाड़ी पंकज आडवाणी की निगाह नववर्ष में नई ऊंचाइयां छूने पर होंगी। 2016 में 16वां विश्व खिताब जीतकर पंकज नया इतिहास रचना चाहेंगे।
सानिया मिर्जा
चारों ग्रैंड स्लैम सहित लगभग सभी खिताबों के नगीने अपने ताज में जड़ चुकी टेनिस सनसनी सानिया मिर्जा एकमात्र बचे ओलंपिक पदक को भी इस बार अपने ताज में सजाना चाहेंगी। पिछले साल दुनिया की नंबर एक डबल्स महिला खिलाड़ी का सपना संजोने वाली सानिया ने अपनी मेहनत के दम पर इसे एक साल में ही पूरा कर लिया। ऑस्ट्रेलियन ओपन, फ्रेंच ओपन, विंबलडन, यूएस ओपन और साल के अन्य टूर्नामेंटों में भी सानिया मार्टिना हिंगिस के साथ अपना स्वप्निल सफर जारी रखना चाहेंगी।
अभिनव बिंद्रा
अभिनव बिंद्रा के निशाने पर फिर मछली की आंख होगी। ओलंपिक की व्यक्तिगत स्पर्धा में यह कारनामा करने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बनने वाले बिंद्रा दूसरी बार स्वर्ण पदक जीतकर कुछ ‘अभिनव’ करना चाहेंगे।
सुशील
कुश्ती में ओलंपिक में भारत की सबसे बड़ी उम्मीद दो बार के पदक विजेता सुशील कुमार हैं। सुशील हैट्रिक लगाने के साथ ही उसका रंग भी बदलना चाहेंगे। हालांकि उनके भाग्य का फैसला कुश्ती महासंघ को करना है, क्योंकि उनके भार वर्ग 74 किग्रा में नरसिंह ने टिकट कटाया है।
विजेंद्र सिंह
तमाम आलोचनाओं को दरकिनार कर प्रोफेशनल मुक्केबाजी में दमदार आगाज करने वाले विजेंद्र सिंह की तमन्ना अपना अजेय सफर जारी रखने की होगी। अपने तीनों मुकाबलों में ‘नाकआउट’ पंच जड़ने वाला यह ओलंपिक पदक विजेता प्रो मुक्केबाजी का नया बादशाह बनने को बेताब है।
दीपिका कुमारी
नववर्ष में तीरंदाजी में भारतीय उम्मीदों का बोझ दीपिका कुमारी के कंधों पर होगा। बीते वर्ष विश्व चैंपियनशिप में तीन पदक जीतने वाली दीपिका के सामने ओलंपिक में चमक बिखेरना सबसे बड़ी चुनौती होगा। उनके अलावा रजत चौहान पर भी निगाह रहेगी।