आइसीसी में भी श्रीनिवासन की पंगेबाजी
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ) के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आइसीसी) में भी एन. श्रीनिवासन की पंगेबाजी शुरू हो गई है।
नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ) के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आइसीसी) में भी एन. श्रीनिवासन की पंगेबाजी शुरू हो गई है।
आइसीसी अध्यक्ष मुस्तफा कमाल ने अपने पद से यह कहते हुए इस्तीफा दे दिया कि उनके अधिकारों का हनन हुआ है। उन्हें विश्व कप विजेता को ट्रॉफी प्रदान नहीं करने दिया गया, जबकि यह उनका हक था। इस बात से मुस्तफा इतने नाराज हुए कि विश्व कप का फाइनल समाप्त होने से पहले ही वे मेलबोर्न क्रिकेट मैदान से बाहर चले गए और पुरस्कार वितरण समारोह के दौरान अनुपस्थित रहे। आइसीसी ने उनके इस्तीफे की पुष्टि कर दी है लेकिन इससे यह सवाल उठने लगे हैं कि क्या आइसीसी में श्रीनि के कारण अजीबो-गरीब स्थिति बन गई है।
श्रीनि 26 जून 2014 को आइसीसी के चेयरमैन नियुक्त हुए थे। उन्हें चेयरमैन बनाए जाने से पहले आइसीसी के संविधान में संशोधन किया गया था। वह आइसीसी के पहले चेयरमैन बने थे। उनकी नियुक्ति से पहले आईसीसी का अध्यक्ष अधिकार संपन्न था और सारे कार्यकारी अधिकार उसके पास थे, लेकिन चेयरमैन का पद बनाए जाने के बद सारे कार्यकारी अधिकार चेयरमैन के पास चले गए और अध्यक्ष औपचारिक प्रमुख हो गया।
बीसीसीआइ के अध्यक्ष पद पर रहते हुए भी श्रीनिवासन ने कुछ ऐसा ही रवैया अपनाया हुआ था। उनके कार्यकाल में कई बार बीसीसीआइ के संविधान में संशोधन हुआ। आइपीएल को लेकर भी कई ऐसे फैसले लिए गए जिससे चेन्नई सुपर किंग्स को फायदा हुआ। यही नहीं आइपीएल स्पॉट फिक्सिंग में उनके दामाद गुरुनाथ मयप्पन का नाम आया लेकिन उनके पद नहीं छोड़ने की जिद के कारण मामला उच्चतम न्यायालय तक गया और क्रिकेट की जमकर भद पिटी। उच्चतम न्यायालय के दखल के बाद उन्हें बीसीसीआइ अध्यक्ष पद से हटना पड़ा लेकिन आइसीसी में हुए ताजा विवाद ने इस बात को हवा दे दी है कि वहां पर भी विवादों का साया पड़ने वाला है।