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ICC Chairmanship: केवल न्यूजीलैंड के बार्कले और सिंगापुर के ख्वाजा ने नामांकन भरा

न्यूजीलैंड के ग्रेगोर बार्कले और सिंगापुर के इमरान ख्वाजा केवल दो प्रमुख नाम हैं जो शाहशांक मनोहर की जगह आइससी का चेयरमैन बनने के लिए आमने-सामने होंगे। ख्वाजा आइसीसी के कार्यकारी अध्यक्ष हैं। अगला अध्यक्ष बनने के लिए के लिए 2/3 मतकी आवश्यकता होगी

By TaniskEdited By: Published: Mon, 19 Oct 2020 09:39 PM (IST)Updated: Mon, 19 Oct 2020 09:39 PM (IST)
ICC Chairmanship: केवल न्यूजीलैंड के बार्कले और सिंगापुर के ख्वाजा ने नामांकन भरा
आइससी का चेयरमैन बनने के लिए दो लोगों ने नामांकन भरा। (फाइल फोटो)

नई दिल्ली, पीटीआइ। न्यूजीलैंड के ग्रेगोर बार्कले और सिंगापुर के इमरान ख्वाजा केवल दो प्रमुख नाम हैं जो  शाहशांक मनोहर की जगह आइससी का चेयरमैन बनने के लिए आमने-सामने होंगे। नामांकन दाखिल करने के लिए 18 अक्टूबर आखिरी दिन था। आइसीसी ने सर्वसम्मति से चयन के लिए  एक महीने की विंडो रखी है। 

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आइसीसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने समाचार एजेंसी पीटीआइ से कहा कि अब तक, ऐसा लग रहा है कि बार्कले और आइसीसी के कार्यकारी अध्यक्ष ख्वाजा के बीच चुनाव होगा। केवल इन दोनों ने ही नामांकन दाखिल किया है। दोनों के पास बोर्ड में समर्थन हासिल है। बता दें कि पूर्व चेयरमैन शशांक मनोहर जुलाई में अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। 

अध्यक्ष बनने के लिए 2/3 मत की आवश्यकता 

17 सदस्यीय आइसीसी बोर्ड में, 16 अपना वोट डाल सकते हैं। 17 वें सदस्य सीईओ मनु साहनी के पास वोटिंग मतदान का अधिकार नहीं है। मौजूदा नियमों के अनुसार, बार्कले या ख्वाजा को अगला अध्यक्ष बनने के लिए 11 वोट (2/3 मत) की आवश्यकता होगी।  

बार्कले को कई प्रमुख टेस्ट खेलने वाले देशों से समर्थन की उम्मीद

यदि सरकार के हस्तक्षेप के कारण आइसीसी द्वारा क्रिकेट दक्षिण अफ्रीका (CSA) को निलंबित कर दिया जाता है, तो मतदाताओं की संख्या घटकर 15 हो जाएगी। हालांकि, अगर बार्कले 11 वोट पाने में विफल रहता है, तो ख्वाजा कार्यकारी अध्यक्ष बने रहेंगे। बार्कले को कई प्रमुख टेस्ट खेलने वाले देशों से समर्थन की उम्मीद है।  

कॉलिन ग्रेव्स ने नामांकन दाखिल नहीं किया

इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ECB) के पूर्व अध्यक्ष कॉलिन ग्रेव्स अगले आसीसी के अध्यक्ष पद के लिए मजबूत दावेदार माने जा रहे थे , लेकिन जब यह साफ हो गया कि उनका चुनाव सर्वसम्मति नहीं होगा और चुनाव जीतने के लिए उनके पास संख्य नहीं है तो उन्होंने अपना नामांकन दाखिल नहीं किया। इस बात की चर्चा है कि बार्कले को बीसीसीआइ का समर्थन प्राप्त होगा।


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