भारतीय टीम में ऑलराउंडर की कमी को पूरा कर सकता है ये खिलाड़ी
करियर के पहले ही वनडे में तीन विकेट लेकर खुद को किया साबित-टीम को मध्यम तेज गति से गेंदबाजी करने वाले ऑलराउंडर की है जरूरत।
धर्मशाला, अभिषेक त्रिपाठी। क्रिकेट में हर कप्तान को ऑलराउंडर की दरकार होती है। भारत के पास भी इस समय रवींद्र जडेजा और रविचंद्रन अश्विन के तौर पर दो ऑलराउंडर हैं लेकिन ये टेस्ट की अपेक्षा वनडे में ज्यादा सफल नहीं साबित होते हैं। भारत के बाहर तेज पिचों पर इनके ऊपर ज्यादा निर्भर नहीं रहा जा सकता।
भारत पिछले कई वर्षो से एक ऐसे ऑलराउंडर की तलाश कर रहा है जो बल्लेबाजी के साथ मध्यम गति से गेंदबाजी कर लेता हो। टी-20 में अच्छा प्रदर्शन करने के बाद न्यूजीलैंड के खिलाफ रविवार को अपने पहले वनडे में ही शानदार प्रदर्शन करके पांड्या ने इसकी कमी पूरी करने के संकेत दे दिए हैं। भारत के अगर अच्छे ऑलराउंडरों की बात की जाए तो कपिल देव, मोहिंदर अमरनाथ, वीनू मांकड़, युवराज सिंह और इरफान पठान का नाम आता है।
सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और वीरेंद्र सहवाग ने भी अपने करियर के बीच में कुछ वर्षो में अच्छी बल्लेबाजी के साथ बेहतर गेंदबाजी भी की। 16 टी-20 मैचों में 15 विकेट के साथ निचले क्रम पर उतरकर 78 रन बनाने वाले हार्दिक धौनी की टीम को संतुलन दे सकते हैं। वह 140 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गेंद फेंकते हैं। बल्ले के अलावा क्षेत्ररक्षण में भी उपयोगी साबित होते हैं। आइपीएल में मुंबई इंडियंस की ओर से धमाकेदार बल्लेबाजी करके वह सुर्खियों में आए थे।
पांड्या के लिए खास रहा पहला वनडे
भारत के पूर्व कप्तान कपिल देव ने रविवार को हार्दिक को भारतीय टीम की टोपी दी। इसके बाद उन्होंने वनडे करियर का आगाज किया। पहले ही ओवर में मार्टिन गुप्टिल को आउट कर करियर के पहले ही ओवर में विकेट लेने वाले गेंदबाजों में अपना नाम दर्ज कराया। हार्दिक से पहले सदागोपन रमेश और भुवनेश्वर कुमार अपने पहले वनडे की पहली ही गेंद पर विकेट लेने का करिश्मा कर चुके हैं।
पांड्या का वनडे का आगाज भी लगभग टी-20 जैसा रहा। वनडे में भी वह शुरुआती कुछ गेंदों में संघर्ष करते हुए नजर आए और पांच गेंदों में ही तीन चौकों के साथ 13 रन बने। ओवर की आखिरी गेंद पर उन्होंने गुप्टिल को आउट करके वापसी की।
गुजरात के इस खिलाड़ी ने अपने टी-20 करियर का आगाज ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 26 जनवरी 2016 को एडिलेड में किया था। इसमें भारत ने 188 रन का सम्मानजनक स्कोर बनाया था। ऑस्ट्रेलिया ने तेजी से लक्ष्य का पीछा किया तो धौनी ने सातवें ओवर में ही हार्दिक को गेंद थमा दी। हार्दिक की शुरुआती तीन गेंदें वाइड रहीं थीं। यही नहीं, अपने पहले ओवर में उन्होंने 11 गेंदें फेंकी, इसमें पांच वाइड थीं। हालांकि दूसरे स्पेल में हार्दिक ने दो विकेट लेकर अपने कप्तान के भरोसे को सही साबित किया। हार्दिक 16 प्रथम श्रेणी मैचों में 727 रनों के साथ 22 और 17 लिस्ट-ए मैचों में 308 रनों के साथ दस विकेट ले चुके हैं।