इलेक्ट्रिशियन से बना अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैदान का क्यूरेटर और अब.....
उत्तर प्रदेश सरकार ने बुधवार को अचानक एक्शन लेते हुए शिवकुमार को लेकर नया फैसला सुनाया है।
कानपुर, (प्रेट्र)। कानपुर का अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैदान ग्रीन पार्क सालों से घरेलू क्रिकेट मैचों, अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैचों और पिछले दो सालों से आइपीएल मैचों की भी मेजबानी कर रहा है। कम ही लोगों को ये पता है कि सालों से इस मैदान की पिच तैयार करने का जिम्मा जिस क्यूरेटर के पास था वो असल में एक बिजली मिस्त्री व ट्यूबवेल चलाने वाला था। इनका नाम है शिवकुमार। उत्तर प्रदेश सरकार ने बुधवार को अचानक एक्शन लेते हुए शिवकुमार को लेकर नया फैसला सुनाया है।
उत्तर प्रदेश सरकार के खेल निदेशक आरपी सिंह ने आज साफ किया कि अब तक ग्रीन पार्क स्टेडियम क्यूरेटर होने की जिम्मेदारी निभा रहे शिवकुमार को वापस उस काम पर लगा दिया गया है जो वो पहले करते थे। यानी अब वो फिर से इलेक्ट्रीशियन और ट्यूबवेल संचालन का काम करेंगे। शिवकुमार को कानपुर से गाजीपुर भेज दिया गया है। गौरतलब है कि हाल में कानपुर में हुए दो आइपीएल मैचों के दौरान उत्तर प्रदेश पुलिस ने बीसीसीआइ की एंटी करप्शन यूनिट के साथ मिलकर कुछ सटोरियों को धरा था। इसके बाद ये खबरें भी आईं कि गुजरात लायंस और दिल्ली डेयरडेविल्स के बीच कानपुर में हुए मैच के दौरान पिच के साथ भी छेड़छाड़ का प्रयास किया गया था।
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आज उत्तर प्रदेश सरकार के खेल निदेशक आरपी सिंह ने कहा, 'शिवकुमार बिजली मिस्त्री और ट्यूबवेल संचालक के तौर पर काम कर रहे थे। उत्तर प्रदेश सरकार ने उन्हें कभी पिच क्यूरेटर नहीं बनाया था लेकिन वो खुद ही ये जिम्मेदारी निभाने लगे। कागजों में स्थिति ये नहीं थी। उत्तर प्रदेश सरकार ने उनका तबादला करने का फैसला लिया क्योंकि वो पिछले 15 सालों से कानपुर के ग्रीन स्टेडियम में काम कर रहे थे।' जब आरपी सिंह से पूछा गया कि आखिर कैसे शिवकुमार एक क्यूरेटर के तौर पर काम कर रहे थे तो इस पर उन्होंने कहा, 'उत्तर प्रदेश सरकार क्या कर सकती है जब कोई खुद को क्यूरेटर समझ बैठे।'
कुछ जानकारियों के मुताबिक जब शिवकुमार ने क्यूरेटर बनने की इच्छा जाहिर की थी तब उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (यूपीसीए) ने उन्हें क्यूरेटर ट्रेनिंग प्रोग्राम के लिए भेज दिया था क्योंकि एसोसिएशन के पास कोई आधिकारिक क्यूरेटर नहीं था।