विदेशी खिलाड़ियों के लिए अभी भी पाकिस्तान नहीं है सुरक्षित: फीका
फीका ने कहा, पिछले कुछ वर्षों में विभिन्न स्वतंत्र सुरक्षा सलाहकारों ने हमें सलाह दी है कि पाकिस्तान में विदेशी टीमों को खेलने के लिए भेजना काफी जोखिम भरा है।
लाहौर। खिलाडिय़ों के अंतरराष्ट्रीय संघ (फीका) के कार्यकारी प्रमुख टोनी आईरिश ने कहा, पिछले कुछ वर्षों में विभिन्न स्वतंत्र सुरक्षा सलाहकारों ने हमें सलाह दी है कि पाकिस्तान में विदेशी टीमों और खिलाडिय़ों को खेलने के लिए भेजना काफी जोखिम भरा है। हालांकि हम आश्वस्त हैं कि पाकिस्तान सुपर लीग (पीएसएल) और पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) वर्तमान माहौल को देखते हुए उन बेहतर सुरक्षा योजनाओं को लागू करेगा जो हमारे सलाहकारों ने सुझाए थे।
उन्होंने कहा, फीका का यह कर्तव्य है कि वह पीएसएल में उन सभी खिलाडिय़ों को सलाह मुहैया कराए जो व्यक्तिगत तौर इसमें हिस्सा ले रहे हैं अथवा नहीं ले रहे हैं। अब यह खिलाड़ी पर निर्भर करता है कि वह इस सलाह को मानते हैं अथवा नहीं।
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आईरिश ने कहा कि फीका इस टूर्नामेंट की सुरक्षा के लिए की गयी व्यवस्था की जानकारी मांगेगा। पीसीबी इंडियन प्रीमियर लीग और बिग बैश लीग की तर्ज पर पीएसएल कराएगा जिसका आयोजन फरवरी और मार्च में संयुक्त अरब अमीरात में होगा और इसका फाइनल मुकाबला पाकिस्तान में कराया जाएगा।
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उन्होंने कहा, हमें पता है कि पाकिस्तान में विदेशी टीमों और खिलाडिय़ों को कितने लोग देखना चाहते हैं और देश में क्रिकेट के प्रशंसक और चाहने वाले कितने हैं। हम उम्मीद करते हैं कि पाकिस्तान में जल्द ही क्रिकेट अपने पुराने दौर में लौट आएगा और यहां पर सुरक्षित तरीके से खेला जा सकेगा।
गौरतलब है कि मार्च 2009 में श्रीलंकाई क्रिकेट टीम के बस पर की गई बंदूकधारियों के हमले के बाद से जिम्बाब्वे ही एकमात्र ऐसी टीम है जिसने पाकिस्तान का दौरा किया है। इसके बाद वर्ष 2015 में गद्दाफी स्टेडियम में एक आत्मघाती हमला हुआ था।