पहला टेस्ट: दूसरा दिन- भुवी, शमी ने अंग्रेजों को पानी पिलाया
नॉटिंघम। भुवनेश्वर कुमार (नाबाद 46) और मुहम्मद शमी (नाबाद 3
नॉटिंघम। भुवनेश्वर कुमार (58) व मुहम्मद शमी (नाबाद 51) की अर्धशतकीय पारी और दोनों के बीच आखिरी विकेट के लिए निभाई गई 111 रन की बहुंमूल्य साझेदारी की मदद से भारत ने इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट की पहली पारी में 457 रन बनाए। दूसरे दिन गुरुवार का खेल समाप्त होने तक इंग्लैंड ने कप्तान एलिस्टेयर कुक के विकेट के नुकसान पर 43 रन बना लिए थे। सैम रॉबसन 20 रन बनाकर और गैरी बैलेंस 15 रन बनाकर क्रीज पर खड़े थे।
एक समय महज 42 रन के एवज में पांच विकेट गंवाकर भारत संकट में नजर आ रहा था, लेकिन भुवी और शमी की आखिरी जोड़ी ने अंग्रेज गेंदबाजों के सामने हार नहीं मानी और 38 ओवरों तक क्रीज पर डटकर उनकी गेंदों का सामना किया और स्कोर को 450 के ऊपर पहुंचा दिया। भुवी ने 159 गेंद का सामना करते हुए अपनी पारी में पांच चौके लगाए, जबकि शमी ने 81 गेंद खेलते हुए सात चौके और एक छक्का लगाया।
इससे पहले सुबह 259/4 के स्कोर से आगे खेलने उतरी भारतीय टीम ने सकारात्मक शुरुआत की। शतकवीर बल्लेबाज मुरली विजय और कप्तान धौनी ने भारत के स्कोर को आगे बढ़ाना शुरू किया। हालांकि खेल की शुरुआत में ही इंग्लैंड के विकेटकीपर मैट प्रॉयर ने धौनी का आसान कैच टपका दिया, लेकिन दोनों बल्लेबाजों ने पांचवें विकेट के लिए 100 रनों की साझेदारी पूरी की। जब मुरली विजय 146 रनों पर खेल रहे थे, तब जेम्स एंडरसन ने उन्हें पगबाधा आउट कर दिया। मुरली ने 361 गेंदों का सामना कर 25 चौकों और एक छक्के की मदद से 146 रन बनाए। मुरली और धौनी के बीच पांचवें विकेट के लिए 126 रनों की साझेदारी हुई। मुरली विजय के जाने के बाद मैदान पर उतरे रवींद्र जडेजा ने तेजी से रन बटोरने की कोशिश की लेकिन वह अपनी पारी को ज्यादा दूर तक नहीं ले जा सके। जडेजा ने आउट होने से पहले 24 गेंद पर दो चौके और दो छक्के लगाते हुए 25 रन बनाए।
दो ओवर बाद धौनी जब 82 रनों के निजी स्कोर पर थे, तब रन लेने के प्रयास में वह एंडरसन के सटीक थ्रो का शिकार बने। उन्होंने अपनी पारी में 152 गेंदों का सामना किया और सात चौके लगाए। धौनी के आउट होने के वक्त स्कोर 345 रन था। इसी स्कोर पर एक रन बनाने वाले स्टुअर्ट बिन्नी भी कैच आउट हो गए। टीम का स्कोर 346 तक पहुंचा ही था कि इशांत शर्मा (01) भी पवेलियन लौट गए।