तो क्या इस वजह से हो गई शास्त्री की छुट्टी और कुंबले बन गए टीम इंडिया के कोच?
क्या अनिल कुंबले और रवि शास्त्री के बीच फैसला करने के दौरान कुंबले को किसी का समर्थन हासिल था? कुछ खबरें इसी ओर इशारा कर रही हैं..
नई दिल्ली। ऐसी खबरें सामने आईं थी टीम इंडिया के कोच की दौड़ में अनिल कुंबले और रवि शास्त्री के बीच मुकाबला काफी कांटे का रहा लेकिन अंत में अनिल कुंबले ने बाजी मार ली और वो टीम इंडिया के नए कोच चुने गए। वहीं, रवि शास्त्री जिन्होंने पिछले तकरीबन 18 महीने टीम के साथ सफलतापूर्वक बिताए, उनकी छुट्टी हो गई।आखिर ऐसा क्या हुआ जो शास्त्री को टीम इंडिया के साथ उनके अनुभव का फायदा नहीं मिला?
- क्या ये है वजह?
कुछ खबरों व रिपोर्ट्स की मानें तो सौरव गांगुली (सलाहकार समिति के सदस्य) चाहते थे कि अनिल कुंबले टीम इंडिया का कोच बनें न कि रवि शास्त्री। कुछ खबरों की मानें तो अंत में वो सौरव गांगुली ही थे जिन्होंने सलाहकार समिति के बाकी दो सदस्यों, सचिन तेंदुलकर और वीवीएस लक्ष्मण को इस फैसले के लिए मना लिया और बीसीसीआइ को अपना फैसला सुना दिया। इस खबर के मुताबिक गांगुली क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बंगाल (सीएबी) के अध्यक्ष हैं और बीसीसीआइ के लिए वो काफी महत्व रखते हैं, ऐसे में बीसीसीआइ उनको नाराज नहीं करना चाहेगा। इसके अलावा जब पूर्व बीसीसीआइ अध्यक्ष शशांक मनोहर ने अचानक अपना पद छोड़ दिया था तब ईस्ट जोन ने ही अनुराग ठाकुर को सबसे ज्यादा समर्थन दिया था और आज अनुराग ठाकुर के इस पद पर बैठना काफी हद तक बंगाल क्रिकेट की वजह से मुमकिन हुआ।
खैैर, अब ये खबरें सही हों या गलत, कुंबले को कोच बनाने का फैसला हो चुका है और अगले एक साल तक वही इस जिम्मेदारी को संभालने जा रहे हैं। इसी बीच रवि शास्त्री ने अनिल कुंबले को बधाई और शुभकामनाएं तो दी हैं लेकिन साथ ही निराशा भी जताई कि उन्हें 18 महीनों तक टीम के साथ समय बिताने का कोई नतीता निकलता नहीं दिखा।