डीडीसीए अधिकारियों को लोढ़ा समिति का नहीं डर, हो रही है नियमों की अनदेखी
डीडीसीए का चुनाव दिसंबर 2013 में हुआ था और पिछले साल दिसंबर में उसके सभी पदाधिकारी तीन साल का कार्यकाल पूरा कर चुके हैं।
नई दिल्ली, जेएनएन। सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले के बाद लोढ़ा समिति ने नियमों को साफ करते हुए कहा था कि बीसीसीआइ व उसके राज्य संघों (जिसमें डीडीसीए भी आता है) के पदाधिकारियों को तीन साल पूरे होते ही कूलिंग ऑफ पीरियड में जाना पड़ेगा।
दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ का चुनाव दिसंबर 2013 में हुआ था और पिछले साल दिसंबर में उसके सभी पदाधिकारी तीन साल का कार्यकाल पूरा कर चुके हैं। इसके बावजूद डीडीसीए कोषाध्यक्ष रवींद्र मनचंदा ने शुक्रवार को बैठक बुलाई और उसमें अंतरिम समिति बनाने के लिए प्रस्ताव भी पास किया।
लोढ़ा समिति के सचिव गोपाल शंकरनारायण 13 जनवरी को डीडीसीए और उसके पदाधिकारियों को ईमेल करके बता चुके हैं कि कोषाध्यक्ष और संयुक्त सचिव का पद पदाधिकारियों की श्रेणी में आएगा और इस हिसाब से बैठक बुलाने वाले मनचंदा भी उस नियम में आ जाते हैं, जिसके मुताबिक तीन साल का कार्यकाल होने के बाद उन्हें कूलिंग ऑफ पीरियड लेना होगा। वह इससे पहले डीडीसीए के संयुक्त सचिव भी रहे हैं।
शुक्रवार की बैठक में डीडीसीए के 24 (तीन सरकारी निदेशक) में से 17 निदेशकों को लायक बताते हुए बैठक में बुलाया गया था, जिसमें सरकार द्वारा नामित निदेशक व सांसद प्रवेश वर्मा नहीं आए। 16 निदेशकों में से नौ ने नई समिति बनाने के प्रस्ताव पर दस्तखत भी किए। इसमें मनचंदा के अलावा संयुक्त सचिव सुभाष शर्मा, संयुक्त सचिव विवेक गुप्ता, संयुक्त सचिव सलिल सेठ, सिद्धार्थ साहिब सिंह वर्मा, अशोक शर्मा, अजय शर्मा, विनोद गर्ग और विकास कात्याल शामिल हैं।
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दो अन्य सरकारी निदेशक सुनील यादव और राजन तिवारी के अलावा दिनेश शर्मा, संयुक्त सचिव दिनेश सैनी, क्लब सचिव सुनील जैन, रवि जैन और हर्ष शर्मा ने इस बैठक को अवैध करार दिया। डीडीसीए के वकील गौतम दत्ता ने कहा कि इसकी शिकायत लोढ़ा समिति से की जाएगी। पूर्व अध्यक्ष स्नेह बंसल ने कहा कि मैं पहले ही बोर्ड के सीईओ राहुल जौहरी के अलावा समिति को बता चुका हूं कि हमारे तीन साल पूरे हो चुके हैं। मैंने उन्हें लिस्ट भी भेज दी है। मनचंदा ने कहा कि हमने लोढ़ा समिति के निर्देशों के हिसाब से बैठक बुलाई है। हालांकि उन्होंने इस बात का जवाब नहीं दिया कि उनके कोषाध्यक्ष रहते हुए तीन साल पूरे हो गए हैं तो उन्होंने बैठक कैसे बुलाई?