चंद्रपॉल के पक्ष में आगे आए लारा, कहा दी जाए सम्मानजनक विदाई
दिग्गज बल्लेबाज ब्रायन लारा ने अनुभवी बल्लेबाज शिवनारायण चंद्रपॉल को टेस्ट टीम से बाहर करने के लिए वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड (डब्ल्यूआइसीबी) की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि पिछले दो दशक से अधिक समय से खेल रहे बायें हाथ के इस बल्लेबाज को भी उसी तरह से संन्यास लेने
पोर्ट ऑफ स्पेन। दिग्गज बल्लेबाज ब्रायन लारा ने अनुभवी बल्लेबाज शिवनारायण चंद्रपॉल को टेस्ट टीम से बाहर करने के लिए वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड (डब्ल्यूआइसीबी) की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि पिछले दो दशक से अधिक समय से खेल रहे बायें हाथ के इस बल्लेबाज को भी उसी तरह से संन्यास लेने का मौका दिया जाना चाहिए जैसा कि बीसीसीआइ ने सचिन तेंदुलकर को दिया था।
चंद्रपॉल को लगातार लचर प्रदर्शन करने के कारण ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज के लिए टीम में नहीं चुना गया है। डब्ल्यूआइसीबी के इस रवैये से क्षुब्ध लारा ने कहा कि उन्हें बीसीसीआइ से सबक लेना चाहिए जिसने तेंदुलकर की विदाई के लिए 2013 में वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट सीरीज का आयोजन कर दिया था। लारा ने कहा, 'यहां उसने (चंद्रपॉल) 1994 में गयाना में पदार्पण से लेकर अपनी आखिरी पारी तक वेस्टइंडीज क्रिकेट के लिए अपना सब कुछ न्योछावर कर दिया और हमने इसके बदले में क्या किया, उसे टीम से बाहर कर दिया।'
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चंद्रपॉल ने 164 टेस्ट मैच खेले हैं जिनमें 51.37 की औसत से 11,867 रन बनाए हैं। इसमें 30 शतक और 66 अर्धशतक शामिल हैं। उन्हें लारा का 11,953 रन का रिकॉर्ड तोड़ने के लिए सिर्फ 86 रन की दरकार थी। लारा ने कहा कि चंद्रपॉल को बाहर करने का रिकॉर्ड से कोई लेना-देना नहीं है। वे (डब्ल्यूआइसीबी) क्या कहना चाह रहे हैं कि चंद्रपॉल को पिछली 11 पारियां रिकॉर्ड तोड़ने के लिए दी गईं। यह सम्मान से जुड़ा मसला है और चंद्रपॉल सम्मान के साथ अलविदा कहने का अधिकार रखता है। सचाई तो यह है कि उन्हें अपनी शर्तो पर संन्यास लेने का मौका दिया जाना चाहिए।