स्पॉट फिक्सिंग में और जांच कराना चाहता है बीसीसीआइ
दिल्ली की एक अदालत द्वारा स्पॉट फिक्सिंग मामले में श्रीसंत सहित तीन क्रिकेटरों को बरी किए जाने को खिलाडि़यों सहित बीसीसीआइ के लिए बड़ी राहत के रूप में देखा जा रहा था, लेकिन अब संकेत इसके उलट यह मिल रहे हैं कि बीसीसीआइ इस फैसले को दिल्ली हाई कोर्ट में
शांतनु गुहा रे (मिड-डे), नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत द्वारा स्पॉट फिक्सिंग मामले में श्रीसंत सहित तीन क्रिकेटरों को बरी किए जाने को खिलाड़ियों सहित बीसीसीआइ के लिए बड़ी राहत के रूप में देखा जा रहा था, लेकिन अब संकेत इसके उलट यह मिल रहे हैं कि बीसीसीआइ इस फैसले को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती देने की सोच रहा है।
विश्वस्त सूत्रों के अनुसार बीसीसीआइ के अध्यक्ष जगमोहन डालमिया फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट जाने के पक्ष में हैं और बोर्ड सचिव अनुराग ठाकुर तक भी उन्होंने यह बात पहुंचा दी है। मालूम पड़ा है कि डालमिया ने बोर्ड अधिकारियों से दिल्ली पुलिस सहित चेन्नई और मुंबई की पुलिस की जांच टीम पर मामले में नए सुबूत इकट्ठा करने के लिए दबाव बनाने को कहा है, जिससे बोर्ड को फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील करने में मदद मिल सके। मामले में और सुराग तलाशने के लिए बोर्ड जयपुर और अहमदाबाद की पुलिस से भी संपर्क बनाने के मूड में है, जो फिक्सिंग मामले में क्रिकेटरों की जांच कर चुकी है।
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हालांकि रविवार को बीसीसीआइ की तरफ से इस मसले पर कोई भी आधिकारिक बयान सामने नहीं आया। एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि बीसीसीआइ ने श्रीसंत व अन्य को क्लब स्तरीय क्रिकेट भी खेलने की अनुमति देने पर अक्षमता जाहिर कर दी है। दुनिया की सबसे अमीर क्रिकेट संस्था का यह कड़ा रुख तब सामने आया जब उसके कानूनी सलाहकार ऊषानाथ बनर्जी ने अदालत के फैसले का अध्ययन करने के बाद उसे यह बताया कि बोर्ड को खिलाडि़यों पर लगाए गए प्रतिबंध के अपने फैसले में बदलाव या कोई हेर-फेर करने की कोई जरूरत नहीं है।
सूत्र ने बताया, 'श्रीसंत ने प्रतिबंध के मसले पर बीसीसीआइ के कई बड़े अधिकारियों को फोन पर संपर्क किया, लेकिन इस तेज गेंदबाज को यही जानकारी दी गई कि प्रतिबंध लागू रहेगा और उन्हें अभी मैदान के बाहर ही रहना पड़ेगा। वह प्राइवेट क्लब की तरफ से भी नहीं खेल सकेंगे।'
अधिकारी ने बताया कि दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी सोमवार को बैठक करके इस पर विचार करेंगे कि आखिर जांच में कहां कमी रह गई। दिल्ली पुलिस की टीम सभी साक्ष्यों व सुरागों को फिर से खंगालेगी और जरूरत पड़ने पर मुंबई पुलिस की सहायता भी लेगी।' यानी फिक्सिंग मामले की दोबारा जांच किए जाने की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है।