तो इसलिए टीम इंडिया के कोच कुंबले की छुट्टी करना चाहता है बीसीसीआइ?
जानिए, टीम को जीत की राह पर ले जा रहे कुंबले से क्यों नाराज है बीसीसीआइ...
नई दिल्ली, अभिषेक त्रिपाठी। भारतीय टीम के मुख्य कोच अनिल कुंबले का बार-बार खिलाड़ियों, सहयोगी स्टाफ और अपने लिए ज्यादा धन की मांग करना भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ) के अधिकारियों को अखर गया और इसीलिए उसने टीम के इंग्लैंड निकलने के अगले ही दिन उसके मुख्य कोच पद के लिए आवेदन प्रक्रिया भी शुरू कर दी।
टीम इंडिया के मौजूदा कोच अनिल कुंबले का करार चैंपियंस ट्रॉफी के बाद समाप्त हो जाएगा। बीसीसीआइ ने जुलाई महीने से टीम के मुख्य कोच के लिए आवेदन मंगाए हैं। कुंबले इस आवेदन प्रक्रिया में सीधे तौर पर प्रवेश करेंगे, लेकिन जिस तरह से बीसीसीआइ ने एक अहम टूर्नामेंट से पहले कोच को लेकर ऐसा फैसला लिया है इससे साफ साबित होता है कि बोर्ड उनसे बेहद नाराज है।
बोर्ड के एक अधिकारी ने कहा कि कुछ लोगों को यह लगने लगा है कि बीसीसीआइ में इस समय पदाधिकारियों की नहीं चल रही। आइसीसी भी उसके खिलाफ है। ऐसे में वह ये सोच रहे हैं कि बोर्ड से अपनी सारी मांगें मनवा लो। निश्चित तौर पर यह रवैया गलत है। सिर्फ कुछ लोगों के बीच ही धन नहीं बांटा जा सकता। हमें जूनियर क्रिकेट को भी देखना है।
अनुराग ठाकुर के अध्यक्ष रहते हुए बोर्ड ने कुंबले को इस साल जून तक का करार दिया था। वर्तमान में कुंबले को करीब 6.25 करोड़ रुपये सालाना मिलते हैं और वह इसमें 20 फीसदी बढ़ोतरी चाहते हैं। यही नहीं उन्होंने पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त प्रशासकों की समिति (सीओए) के सामने बोर्ड से करारबद्ध खिलाड़ियों को मिलने वाले धन में भी वृद्धि की बात की थी। बोर्ड का मानना है कि कुंबले ही टीम को ऐसा करने के लिए भड़का रहे हैं।
बोर्ड के एक अधिकारी ने कहा कि टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली से ज्यादा कोच कुंबले को वार्षिक करार के तहत धन मिलता है। यही कारण है कि वह खिलाड़ियों को कह रहे हैं कि आपको भी ज्यादा धन मिलना चाहिए। यही नहीं जब बोर्ड के अधिकारी चैंपियंस ट्रॉफी में भारत के नहीं भाग लेने की धमकी दे रहे थे तब कुंबले ने ही सीओए को ये संदेश भिजवाया था कि खिलाड़ी इस टूर्नामेंट में खेलना चाहते हैं। इसके अलावा अनिल कुंबले का टेस्ट, वनडे और टी-20 खेलने वाले क्रिकेटर्स के लिए अलग-अलग करार की मांग करना बीसीसीआइ को पसंद नहीं आया।
इसके अलावा बीसीसीआइ की नाराजगी की एक वजह उनकी मुख्य कोच होने के नाते चयन समिति में जगह की भी मांग भी है। उनकी यह मांग लोढ़ा समिति की सिफारिशों के खिलाफ है जिसमें साफ तौर पर कहा गया है कि चयन समिति में तीन ही सदस्य होंगे।