इस वजह से बीसीसीआइ की एसजीेएम मेंं बैठक से बाहर हुए राहुल जौहरी
एक राज्य इकाई के प्रतिनिधि ने कहा कि जौहरी पदाधिकारी नहीं हैं, बल्कि बीसीसीआइ के एक वैतनिक अधिकारी हैं।
नई दिल्ली, जेएनएन। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि इस बीसीसीआइ की एसजीएम में राज्य संघों के पदाधिकारी ही भाग लेंगे और यही कारण था कि बैठक शुरू होने से ठीक पहले बीसीसीआइ के सीईओ राहुल जौहरी के अलावा ओडिशा और पंजाब के प्रतिनिधियों को भी बैठक से बाहर रखा गया, क्योंकि उनके प्रतिनिधि अपने संघों के पदाधिकारी नहीं थे। हालांकि दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) की ओर से हाईकोर्ट द्वारा नियुक्त प्रशासक व पूर्व न्यायाधीश विक्रमजीत सेन ने भाग लिया।
सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार जो लोग बैठक में शामिल होने की योग्यता रखते हैं उनमें अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव, संयुक्त या सहायक सचिव और कोषाध्यक्ष शामिल हैं। सूत्रों के मुताबिक जौहरी को अमिताभ चौधरी ने कहा कि उन्हें और बीसीसीआइ के अन्य सभी कर्मचारियों को बैठक के स्थान से चले जाना चाहिए, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के 24 जुलाई के आदेश में कहा गया है कि केवल पदाधिकारियों को ही बैठक में हिस्सा लेना चाहिए। हालांकि यह नियम नहीं बल्कि परिपाटी है। बीसीसीआइ कर्मचारियों का एक दल हमेशा इस तरह की बैठकों के दौरान मदद के लिए मौजूद रहता है, लेकिन सतर्क बीसीसीआइ ने इस बार पूरी तरह से निर्देशों का पालन करना उचित समझा।
एक राज्य इकाई के प्रतिनिधि ने कहा कि जौहरी पदाधिकारी नहीं हैं, बल्कि बीसीसीआइ के एक वैतनिक अधिकारी हैं। उन्होंने पिछली सभी एसजीएम में हिस्सा लिया था, लेकिन इस बार हम किसी तरह की कोई चूक नहीं करना चाहते हैं क्योंकि हमें सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करना होगा। कार्यवाहक सचिव ने सभी कर्मचारियों से कमरे से बाहर चले जाने के लिए कहा। विक्रमजीत सेन के बैठक में भाग लेने पर अधिकारी ने कहा कि डीडीसीए में इस समय कोई पदाधिकारी नहीं है। शायद इसीलिए वह इस बैठक में शामिल हुए। हमने उनके भाग लेने पर कोई आपत्ति नहीं जताई।