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BCCI अधिकारियों के खर्च पर बहस, अनिरुद्ध व अमिताभ से ज्यादा खर्चीले हैं जौहरी

लोढ़ा समिति की सिफारिशों को लागू करने के लिए शुक्रवार से सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हो गई है।

By Bharat SinghEdited By: Published: Fri, 18 Aug 2017 12:51 PM (IST)Updated: Fri, 18 Aug 2017 02:18 PM (IST)
BCCI अधिकारियों के खर्च पर बहस, अनिरुद्ध व अमिताभ से ज्यादा खर्चीले हैं जौहरी
BCCI अधिकारियों के खर्च पर बहस, अनिरुद्ध व अमिताभ से ज्यादा खर्चीले हैं जौहरी

नई दिल्ली, अभिषेक त्रिपाठी। प्रशासकों की समिति (सीओए) ने सुप्रीम कोर्ट में सौंपी पांचवीं स्टेटस रिपोर्ट में कोषाध्यक्ष अनिरुद्ध चौधरी, कार्यकारी सचिव अमिताभ चौधरी, पूर्व अध्यक्ष अनुराग ठाकुर, कार्यवाहक अध्यक्ष सीके खन्ना, उनके सहायक चैतन्य नंदा और गौरव विरमानी सहित कई लोगों के बीसीसीआइ से लिए गए भत्ते उजागर कर दिए हैं, लेकिन इनसे ज्यादा खर्च करने वाले कई ऐसे लोग हैं जिनके भत्तों को सार्वजनिक नहीं किया गया है। अब यही बात बीसीसीआइ पदाधिकारियों का हथियार बन सकती है। 

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लोढ़ा समिति की सिफारिशों को लागू करने के लिए शुक्रवार से सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हो गई है और उसमें इस स्टेटस रिपोर्ट पर भी चर्चा होगी। इसमें विनोद राय की अध्यक्षता वाली सीओए ने बीसीसीआइ के वर्तमान सभी पदाधिकारियों को बाहर करने का भी निर्देश मांगा है।

सीओए की स्टेटस रिपोर्ट के अनुसार जहां अनिरुद्ध और अमिताभ ने 2015-16, 2016-17 व इस साल जून तक (कुल 27 माह) में हवाई टिकट, भत्तों और देश-विदेश के दौरों के अन्य खर्चो के तौर पर क्रमश: 1.71 व 1.56 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। वहीं, बीसीसीआइ के मुंबई दफ्तर से मिली विश्वस्त जानकारी के अनुसार सीईओ राहुल जौहरी के 14 माह के कार्यकाल में ही बोर्ड ने उन पर भत्तों के तौर पर करीब 1.48 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। 

उन्हें पिछले एक साल तक लगभग 5.75 करोड़ रुपये की तनख्वाह भी मिलती थी, जिसमें करीब 60 लाख का एचआरए भी शामिल है। जौहरी ने पिछले साल जून में सीईओ के तौर ज्वाइन किया था और हाल ही में उनकी तनख्वाह में 15 फीसद की बढ़ोतरी भी की गई है। जहां तक भत्तों की बात है तो अनिरुद्ध और अमिताभ ने 27 माह में हवाई टिकट पर क्रमश: बोर्ड के 60.3 और 65 लाख रुपये खर्च किए तो वहीं जौहरी ने 14 महीने में ही करीब 70 लाख रुपये के हवाई टिकट करवाए। वहीं, जौहरी अभी तक के कार्यकाल में 120 से 125 दिन विदेश में रहे। इस दौरान भी उन्हें 700 डॉलर प्रति दिन के हिसाब से भत्ता मिला। जो करीब 40 लाख रुपये बैठता है। इसमें होटल के कमरे का किराया शामिल नहीं है। 

भारत में इधर-उधर जाने के लिए बोर्ड ने उन पर टीए-डीए के तौर पर करीब 38 लाख रुपये खर्च किए। बीसीसीआइ के सीएफओ संतोष रांगनेकर ने भी छोटे से कार्यकाल में ही करीब 40 लाख रुपये की हवाई टिकट कराई है। बीसीसीआइ पदाधिकारियों का कहना है कि सीओए स्टेटस रिपोर्ट में अगर सभी के खर्चे सार्वजनिक करता तो ज्यादा बेहतर होता।

इस बारे में बीसीसीआइ मैं बीसीसीआइ के सीईओ राहुल जौहरी का कहना है, 'मैं कर्मचारी हूं और मेरी पोस्ट अवैतनिक नहीं है। जहां तक एचआरए की बात है तो वह मेरी तनख्वाह का हिस्सा है। बोर्ड मुझे जहां भेजता है, वहां मुझे जाना पड़ता है। जहां तक आंकड़ों की बात है तो अभी मुझे पूरी तरह याद नहीं है, लेकिन मेरे भत्तों पर इतना खर्च तो नहीं हुआ है।

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