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द. अफ्रीकी खेल जगत में बड़ा संकट, क्रिकेट सहित चार खेलों पर लगा बैन

दक्षिण अफ्रीका ने अपनी क्रिकेट और रग्बी की राष्ट्रीय फेडरेशनों पर अश्वेत खिलाडि़यों के प्रतिनिधित्व को बढ़ावा देने में नाकाम रहने पर सोमवार को अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों की मेजबानी करने या उनके लिए बोली लगाने पर कम से कम एक साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया।

By ShivamEdited By: Published: Tue, 26 Apr 2016 12:47 AM (IST)Updated: Tue, 26 Apr 2016 09:03 AM (IST)
द. अफ्रीकी खेल जगत में बड़ा संकट, क्रिकेट सहित चार खेलों पर लगा बैन

जोहानिसबर्ग, [रायटर]। दक्षिण अफ्रीका ने अपनी क्रिकेट और रग्बी की राष्ट्रीय फेडरेशनों पर अश्वेत खिलाडि़यों के प्रतिनिधित्व को बढ़ावा देने में नाकाम रहने पर सोमवार को अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों की मेजबानी करने या उनके लिए बोली लगाने पर कम से कम एक साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया।

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सरकार देश के सबसे ज्यादा प्रसिद्ध खेलों में ज्यादा से ज्यादा अश्वेत खिलाडि़यों को शामिल करने पर जोर दे रही है, लेकिन रंगभेद खत्म होने के बाद दो दशकों से ज्यादा समय से एथलेटिक्स, क्रिकेट, नेटबॉल और रग्बी में बड़ी तादाद में श्वेत खिलाड़ी खेल रहे हैं।

खेल मंत्री फिकिले एमबालुला ने एक बयान जारी कर कहा, 'मैंने इसलिए एथलेटिक्स साउथ अफ्रीका (एएसए), क्रिकेट साउथ अफ्रीका (सीएसए), नेटबॉल साउथ अफ्रीका (एनएसए) और साउथ अफ्रीकन रग्बी (एसएआर) के बड़े और अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट की मेजबानी करने और उसके लिए बोली लगाने के विशेषाधिकार रद करने का फैसला किया है।'

खेल मंत्री के फैसला से साउथ अफ्रीकन रग्बी को 2023 रग्बी विश्व कप के लिए बोली लगाने के उद्देश्य को झटका लगा है। रग्बी विश्व कप की मेजबानी के लिए एक साल से भी कम समय में समीक्षा की जानी है।

- आइपीएल बाहर कराने की योजना को भी झटका :

नई दिल्ली। दक्षिण अफ्रीका में क्रिकेट की राष्ट्रीय फेडरेशन पर अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों की मेजबानी करने पर एक साल के लिए प्रतिबंध लगने के बाद बीसीसीआइ को अगले साल इंडियन प्रीमियर लीग (आइपीएल) को देश से बाहर ले जाने की योजना को करारा झटका लग सकता है। 2009 में पूरी घरेलू लीग को दक्षिण अफ्रीका में कराया गया था, जबकि 2014 में पहले 15 दिन के लिए संयुक्तअरब अमीरात में इसका आयोजन किया गया था। लेकिन अगले साल उसे फिर से दक्षिण अफ्रीका जाने का इरादा टालना पड़ सकता है, जोकि उसका आजमाया ैहुआ आयोजन स्थल था। हालांकि बीसीसीआइ के पास कई अन्य विकल्प हैं।

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