अनिल कुंबले ने दिया था नया फंडा, कप्तान कमाए तो कोच क्यों न कमाए?
पूर्व कोच का यह प्रस्ताव संकेत था कि जब भी कोहली को बीसीसीआइ से अधिक कमाई होगी तब अनुपात के आधार पर उनका वेतन भी बढ़ेगा।
नई दिल्ली, पीटीआइ। भारत के पूर्व मुख्य कोच अनिल कुंबले ने अनुबंधों के पुनर्गठन को लेकर बीसीसीआइ को जो 19 पृष्ठ का प्रस्ताव दिया था, उसमें वेतन को सबसे अधिक तरजीह दी गई थी। उन्होंने मांग की थी कि मुख्य कोच की कमाई कप्तान की अनुमानित कमाई का 60 प्रतिशत होनी चाहिए।
कुंबले ने यह प्रस्ताव 21 मई को आइपीएल फाइनल के दौरान प्रशासकों की समिति (सीओए) को सौंपा था। भारतीय क्रिकेट टीम से जुड़े लोगों के 'वेतन और अनुबंध का पुनर्गठन' शीर्षक वाले इस दस्तावेज के 12वें पृष्ठ पर कुंबले ने सहायक स्टाफ के वेतन में इजाफे का प्रस्ताव दिया है।
बिंदु संख्या 10 'द सजेस्टेड चेंज: एनेबलर्स' के अंतर्गत पूर्व भारतीय कप्तान ने चार कॉलम का चार्ट दिया है। कुंबले ने एनेबलर्स शब्द का इस्तेमाल सहयोगी स्टाफ के लिए किया है। कुंबले ने कोच के 6.5 करोड़ रुपए के मौजूदा वेतन को बढ़ाकर 7.5 करोड़ रुपये करने का सुझाव दिया है और 'टिप्पणी' कॉलम में लिखा है, 'कप्तान की अनुमानित आय का 60 प्रतिशत।' 'टीम के प्रदर्शन के आधार पर अपने वेतन का 30 प्रतिशत वेरिएबल बोनस का पात्र।'
पूर्व कोच का यह प्रस्ताव संकेत था कि जब भी कोहली को बीसीसीआइ से अधिक कमाई होगी तब अनुपात के आधार पर उनका वेतन भी बढ़ेगा।
इस चार्ट में सुझाव दिया गया है कि संजय बांगड़ का वेतन एक करोड़ से बढ़ाकर ढाई करोड़ कर दिया जाए, जबकि आर श्रीधर को मौजूदा एक करोड़ की जगह एक करोड़, 75 लाख रुपये मिलें और यह वृद्धि पूर्व प्रभाव से एक जून, 2016 से लागू हो। कुंबले के इन सुझावों में हालांकि जिसने बीसीसीआइ के आला अधिकारियों का ध्यान खींचा वह राष्ट्रीय कोचों की 'आइपीएल से आय' का सुझाव है। मालूम हो सीओए के पूर्व सदस्य रामचंद्र गुहा ने समूह से अलग होते हुए राष्ट्रीय कोचों के आइपीएल से कमाई करने का मुद्दा उठाया था और इसे साफ तौर पर हितों का टकराव का करार दिया था। कुंबले के प्रस्ताव का अध्ययन करने वाले बीसीसीआइ के एक अधिकारी ने कहा, काफी मुद्दे प्रासंगिक हैं, लेकिन आइपीएल पर उनका प्रस्ताव उसके विपरीत है, जो गुहा ने अपने पत्र में लिखा था।
पूर्व की खबरों के अनुसार, कुंबले ने 'लाल और सफेद गेंद' के क्रिकेट के लिए अलग रिटेनरशिप अनुबंध का सुझाव दिया है, लेकिन खिलाड़ियों की रिटेनर फीस या केंद्रीय अनुबंध से मिलने वाले पैसे को लेकर एक रोचक बिंदु है, जो इसके एक हिस्से को 'वेरिएबल पे' से जोड़ने से लेकर है, जो फिटनेस और अन्य टीम स्तर बनाए रखने पर आधारित होगा। छठे पृष्ठ के 5वें बिंदु 'खिलाड़ियों के लिए बदलाव के सुझाव' में कुंबले ने चार कॉलम का एक और चार्ट दिया है।
टेस्ट, वनडे और टी-20 के लिए वार्षिक रिटेनर राशि के लिए टिप्पणी कॉलम में कुंबले ने लिखा, '20 प्रतिशत की रिटेनर राशि साल के दौरान फिटनेस और अन्य टीम स्तर बनाने रखने पर आधारित होगी।' विभिन्न जीतों के लिए तदर्थ भुगतान की जगह स्पष्ट राशि की मांग भी की गई है, जैसे 50 ओवर का विश्व कप जीतने पर प्रत्येक खिलाड़ी को दो करोड़ रुपये, जबकि चैंपियंस ट्रॉफी और टी-20 विश्व कप जीतने पर प्रत्येक खिलाड़ी को एक करोड़ रुपए की इनामी राशि मिलनी चाहिए। उल्लेखनीय है कि पूर्व भारतीय मुख्य कोच अनिल कुंबले इन दोनों चर्चा का विषय बने हुए हैं। उनके भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली को लेकर विवाद हो गया था।
कुंबले ने अपने पद से बीसीसीआइ को इस्तीफा दे दिया था। हालांकि उन्होंने इसके बाद एक पत्र में लिखा था कि विराट कोहली को उनसे परेशानी है। हालांकि इसके बाद विराट कोहली ने भी वेस्टइंडीज दौरे पर कहा था कि वह कुंबले भाई की उपलब्धियों की इज्जत करते हैं लेकिन मैं ड्रेसिंग रूम की गोपनियता को बनाए रखूंगा।
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