एक साल और इतने मैच, क्या खुद को साबित कर पाएंगे कुंबले?
भारतीय क्रिकेट टीम के नए कोच अनिल कुंबले एक खिलाड़ी और प्रशासक के तौर पर तो खुद को साबित कर ही चुके हैं पर इस बार उनके सामने एक नई चुनौती है।
नई दिल्ली, संजय सावर्ण। भारतीय क्रिकेट टीम के नए कोच अनिल कुंबले एक खिलाड़ी और प्रशासक के तौर पर तो खुद को साबित कर ही चुके हैं पर इस बार उनके सामने एक नई चुनौती है। टीम इंडिया के इस कोच के पास अभी सिर्फ एक वर्ष का समय है यानी इतने समय में उन्हें खुद को एक बेहतरीन कोच के तौर पर खुद को साबित करते हुए भारतीय क्रिकेट टीम को नई बुलंदी तक ले जाने का बड़ा जिम्मा है। आइए एक नजर डालते हैं कि इस एक वर्ष में कुंबले को कितने मैचों में टीम इंडिया के कोच की जिम्मेदारी निभानी है।
कठिन है कुंबले की परीक्षा
कुंबले अगले महीने से वेस्टइंडीज दौरे पर टेस्ट सीरीज के लिए जा रही भारतीय टीम के साथ कोच के तौर पर जुड़ जाएंगे। यानी उनकी परीक्षा की शुरुआत वेस्टइंडीज दौरे से होगी। इसके बाद न्यूजीलैंड की टीम भारत दौरे पर आएगी। न्यूजीलैंड के साथ भारत को टेस्ट और वनडे मैचों की सीरीज खेलनी है। न्यूजीलैंड के बाद इंग्लैंड की टीम भारत दौरे पर टेस्ट मैचों की सीरीज खेलने आ रही है। फिर भारत को बांग्लादेश के साथ एक टेस्ट मैच की सीरीज और फिर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चार टेस्ट मैचों की सीरीज खेलनी है। भारत को जून 2017 में इंग्लैंड में आयोजित होने वाले चैंपियंस ट्रॉफी में भी हिस्सा लेना है। जाहिर है कुंबले के एक वर्ष के कार्यकाल में भारत को दुनिया की बेहतरीन टीमों के खिलाफ क्रिकेट खेलना है।
कुल इतने मैच खेलने हैं भारत को
कुंबले की कप्तानी में भारत चार टेस्ट मैचों की सीरीज वेस्टइंडीज में खेलेगा इसके अलावा उसे 4 और टेस्ट मैच विदेशी धरती पर खेलने हैं। घरेलू मैदान पर कुंबले के कार्यकाल में भारत को भारत में 13 टेस्ट मैच खेलने हैं। एक साल में भारत 10 वनडे और इतने ही टी20 मैच खेलेगी। कुंबले के कोच रहते भारत को इंग्लैडं में चैंपियंस ट्रॉफी जैसे अहम प्रतियोगिता में भी हिस्सा लेना है।
ये भी बड़ी चुनौती होगी कुंबले के लिए
कुंबले के लिए सबसे बड़ी चुनौती भारतीय क्रिकेट टीम के टेस्ट कप्तान विराट कोहली और वनडे व टी 20 कप्तान धौनी के साथ तालमेल बिठाना भी होगा। इन दोनों कप्तानों का अंदाज बिल्कुल अलग है साथ ही कुंबले को टीम के नए खिलाड़ियों के साथ भी सामंजस्य बिठाना होगा।