टीम इंडिया के कोच की फिर शुरू हुई तलाश
टीम इंडिया के नए कोच को तलाशने के अपने प्रयासों को तेज करते हुए बीसीसीआइ ने रविवार को इस पद के लिए विज्ञापन देने की घोषणा की और आवेदन के लिए अंतिम तारीख 10 जून तय की। नव नियुक्त बीसीसीआइ अध्यक्ष अनुराग ठाकुर ने कहा, 'हम सबके लिए दरवाजे खुले
मुंबई, प्रेट्र। टीम इंडिया के नए कोच को तलाशने के अपने प्रयासों को तेज करते हुए बीसीसीआइ ने रविवार को इस पद के लिए विज्ञापन देने की घोषणा की और आवेदन के लिए अंतिम तारीख 10 जून तय की। नव नियुक्त बीसीसीआइ अध्यक्ष अनुराग ठाकुर ने कहा, 'हम सबके लिए दरवाजे खुले रखना चाहते हैं, हम चाहते हैं लोग आएं। वे आगे बढ़कर आवेदन भर सकते हैं और फिर हम प्रस्तावों को देखेंगे कि आवेदनकर्ता कौन हैं और बीसीसीआइ के लिए कौन सर्वश्रेष्ठ हैं।'
इस घोषणा का मतलब है कि भारतीय टीम 11 जून से शुरू होने वाले जिंबाब्वे के संक्षिप्त दौरे पर बिना पूर्णकालिक कोच के ही जाएगी। हालांकि कोच की नियुक्ति टीम के जुलाई में चार मैचों की टेस्ट सीरीज के लिए वेस्टइंडीज जाने से पहले होने की उम्मीद है।
इससे पहले पूर्व भारतीय कप्तान और बीसीसीआइ की क्रिकेट सलाहकार समिति के सदस्य सौरव गांगुली ने कहा कि बोर्ड इस उच्च स्तरीय पद के लिए उपयुक्त उम्मीदवार ढूंढने के लिए दो और महीने का समय लेगा। इस समिति में सचिन तेंदुलकर और वीवीएस लक्ष्मण भी शामिल हैं। डंकन फ्लेचर के जाने के बाद टीम इंडिया अपने टीम निदेशक रवि शास्त्री के मार्गदर्शन में खेल रही थी, जिनका कार्यकाल मार्च-अप्रैल में टी-20 विश्व कप के बाद खत्म हो गया।
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- बांगड़, श्रीधर व भरत की हो सकती है छुट्टी
मुख्य कोच और सहायक कोचों के पद के लिए विज्ञापन देने के बीसीसीआइ के फैसले का मतलब हो सकता है कि रवि शास्त्री के अलावा 2014 में इंग्लैंड दौरे पर सीमित ओवरों की सीरीज से टीम के सहायक स्टाफ में शामिल हुए संजय बांगड़, आर श्रीधर और भरत अरुण की तिकड़ी का अनुबंध बढ़ाए जाने की संभावना नहीं है। इसकी भी संभावना है कि जो भी मुख्य कोच बनेगा वह सहायक स्टाफ को खुद चुन सकता है।
इंडियन प्रीमियर लीग में किंग्स इलेवन पंजाब के मुख्य कोच के रूप में बांगड़ के लिए समय अच्छा नहीं रहा। टीम मौजूदा सत्र सहित लगातार दो सत्र में अंतिम स्थान पर रही। श्रीधर भी 2014 से इसी फ्रेंचाइजी के साथ जुड़े हुए हैं। अरुण पिछले सत्र में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलूर के साथ जुड़े थे, लेकिन उसकी गेंदबाजी को कमजोर पक्ष माना जाता है।