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भारत-इंग्लैंड के बीच लागू होगा DRS, BCCI ने दी हरी झंडी

भारत और इंग्लैंड के बीच नवंबर से शुरू होने वाली टेस्ट सीरीज में डीआरएस को लागू किया जाएगा।

By bharat singhEdited By: Published: Fri, 21 Oct 2016 02:25 PM (IST)Updated: Fri, 21 Oct 2016 05:38 PM (IST)
भारत-इंग्लैंड के बीच लागू होगा DRS, BCCI ने दी हरी झंडी

नई दिल्ली (पीटीआइ)। बीसीसीआइ ने अंपायर निर्णय समीक्षा प्रणाली (डीआरएस) के लिए हरी झंडी दे दी है। भारत और इंग्लैंड के बीच 9 नवंबर से होने वाली पांच टेस्ट मैचों की सीरीज में इस प्रणाली को ट्रायल आधार पर लागू किया जाएगा। अभी तक बीसीसीआइ ने डीआरएस पर सवाल खड़े किए थे। हालांकि, पिछले कुछ समय से उसने अपने रुख में नरमी के संकेत दिए थे। इंग्लैंड के साथ सीरीज में इसका इस्तेमाल करने का फैसला इसी बदले हुए रुख का नतीजा है।

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बीसीसीआइ क्रिकेट खेलने वालों में एकमात्र ऐसा देश है जो लगातार डीआरएस प्रणाली का विरोध करता रहा है। भारतीय बोर्ड के विरोध के चलते ही भारत की किसी भी द्विपक्षीय सीरीज में डीआरएस लागू नहीं किया जाता था। हालांकि, बीसीसीआइ अध्यक्ष ने कुछ समय पहले अपने रुख में बदलाव लाते हुए कहा था कि वह डीआरएस के खिलाफ नहीं हैं, बल्कि इसे फुलप्रूफ बनाने के पक्षधर हैं।

भारत और इंग्लैंड के बीच राजकोट में 9 नवंबर से होने वाले पहले टेस्ट मैच से डीआरएस को लागू किया जाएगा। इस सीरीज में इस प्रणाली के परिणामों को देखकर बीसीसीआई आगे के बारे में फैसला करेगी। बीसीसीआइ अध्यक्ष अनुराग ठाकुर ने कहा है, 'हमें यह जानकर खुशी हुई कि हॉकआइ ने बीसीसीआइ द्वारा दी गई सभी सिफारिशों पर ध्यान देकर इसे सुधारा है। हम इस बात की घोषणा करते है कि इंग्लैंड के खिलाफ आगामी टेस्ट सीरीज में प्रयोगात्मक तौर पर हम डीआरएस प्रणाली को सुधरे हुए स्वरूप में लागू करेंगे। हम देखेंगे कि इसका परिणाम कैसा रहता है और फिर इसे अपनाने के बारे में निर्णय लिया जाएगा।'

आखिरी बार डीआरएस का भारत में इस्तेमाल 2011 आइसीसी विश्व कप के दौरान हुआ था लेकिन वह एक मल्टी टीम टूर्नामेंट था। गौरतलब है कि सीमित ओवर क्रिकेट के भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धौनी बॉल ट्रैकिंग तकनीक के पुख्ता न होने को लेकर शुरू से इसके विरोध में रहे हैं। जबकि पूर्व बीसीसीआइ अध्यक्ष एन.श्रीनिवासन के कार्यकाल के दौरान बीसीसीआइ डीआरएस को लेकर चर्चा तक करने को तैयार नहीं था। हालांकि हाल में टेस्ट कप्तान विराट कोहली ने जरूर इस प्रणाली को लेकर अपनी रुचि दिखाई है। भारत और इंग्लैंड के बीच पांच टेस्ट मैचों की सीरीज भी खेली जानी है। सीरीज में दोनों टीमों के स्पिनर्स की अहम भूमिका रहेगी इसलिए करीबी कैचों के दौरान हॉट स्पॉट की मदद से फैसलों को बेहतर करने में मदद ली जा सकती है।

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