Move to Jagran APP

जो दिग्गज नहीं कर सके, वह युवा ब्रिगेड ने कर दिखाया: गावस्कर

सीरीज का अंतिम स्कोर लाइन 2-0 दर्शा रहा है कि 2011-12 में खेले गए पिछले दौरे से यह बहुत बेहतर साबित हुआ। पिछली बार जब हमारा 0-4 से सफाया हुआ था तब भारतीय टीम में क्रिकेट इतिहास के कुछ सबसे बड़े नाम भी शामिल थे। लेकिन वे दिग्गज भी वह

By sanjay savernEdited By: Published: Tue, 13 Jan 2015 12:20 AM (IST)Updated: Tue, 13 Jan 2015 12:23 AM (IST)
जो दिग्गज नहीं कर सके, वह युवा ब्रिगेड ने कर दिखाया: गावस्कर

(गावस्कर का कॉलम)

loksabha election banner

सीरीज का अंतिम स्कोर लाइन 2-0 दर्शा रहा है कि 2011-12 में खेले गए पिछले दौरे से यह बहुत बेहतर साबित हुआ। पिछली बार जब हमारा 0-4 से सफाया हुआ था तब भारतीय टीम में क्रिकेट इतिहास के कुछ सबसे बड़े नाम भी शामिल थे। लेकिन वे दिग्गज भी वह प्रदर्शन नहीं कर पाए जो 2014-15 की युवा ब्रिगेड ने कर दिखाया।

माना कि तीन साल पहले के मुकाबले इस बार पिचों में उछाल थी और वह बल्लेबाजी के बहुत अनूकुल थी फिर ऑस्ट्रेलियाई आक्रमणभी उतना धारदार नहीं था, जितना पिछली बार था। लेकिन यहां यह गौरतलब है कि इस बार बल्लेबाजी क्रम में विराट कोहली को छोड़कर बाकी सभी बल्लेबाज पहली बार ऑस्ट्रेलिया में खेल रहे थे।

भारतीय बल्लेबाजी अब दुनिया के किसी भी मैदान और किसी भी परिस्थिति में प्रदर्शन करने में सक्षम नजर आ रही है। इनकी अगुआई विराट कोहली कर रहे हैं, जिनके बल्ले से शतक निकलना कुछ ऐसा ही तय नजर आया, जैसा शाम के बाद सुबह होना और सरकार द्वारा कर बढ़ाना। मुरली विजय एक ऐसे सलामी बल्लेबाज के रूप में विकसित हुए जिसकी आज के क्रिकेट में सख्त जरूरत होती है। उनका डिफेंस लाजवाब है, अपने ऑफ स्टंप के बारे में वह अच्छी तरह जानते हैं कि वह कहां है और साथ ही वक्त पडऩे पर रन गति को तेज करने की क्षमता भी उनके अंदर है। उच्च स्तर पर टेंपरामेंट ही पुरुषों को लड़कों से अलग करता है और लोकेश राहुल ने दिखाया कि उनका क्या स्तर है। तभी बल्लेबाजी के दौरान उन्हें अस्थिर करने के लिए ऑस्ट्रेलियाइयों को स्लेजिंग का सहारा लेना पड़ा। रहाणे ने एक और शांत और एकाग्र्र प्रदर्शन करके खुद की प्रतिष्ठा को परिष्कृत करने का काम किया है।

गेंदबाजी चिंता का विषय है। सिर्फ इसलिए नहीं कि गेंदबाज विकेट नहीं ले पा रहे थे, बल्कि इसलिए भी कि वे अपने पिछले ओवर में की गई गलतियों से भी नहीं सीख रहे थे। उनमें से तीन उमेश यादव, इशांत शर्मा और आर अश्विन का यह दूसरा ऑस्ट्रेलियाई दौरा था और तब से लेकर अभी तक उनके प्रदर्शन में एक इंच का भी सुधार नजर नहीं आया। सीरीज की शुरुआत के पहले फिलिप ह्यïूज के निधन से वे सकते में थे और मानसिक रूप से थोड़े कमजोर नजर आ रहे थे। लेकिन भारतीय गेंदबाजों ने एक ही गलती बार-बार दोहराकर ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को खुलने का मौका दे दिया।

भारत के पास प्रभावशाली नया कप्तान है, नई बल्लेबाजी लाइनअप है और यदि विदेशों में वह जीतना चाहते हैं तो गेंदबाजी आक्रमण को भी नया करना होगा।

क्रिकेट की अन्य खबरों के लिए यहां क्लिक करें

खेल की अन्य खबरों के लिए यहां क्लिक करें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.