महिला खिलाडिय़ों ने किया प्रेरणादायी प्रदर्शन
अगस्त का महीना भारतीय क्रिकेट टीम के लिए भले ही अच्छा नहीं रहा, लेकिन भारतीय महिलाओं ने अन्य खेलों में शानदार प्रदर्शन से इसकी भरपाई
(सुनील गावस्कर का कॉलम)
अगस्त का महीना भारतीय क्रिकेट टीम के लिए भले ही अच्छा नहीं रहा, लेकिन भारतीय महिलाओं ने अन्य खेलों में शानदार प्रदर्शन से इसकी भरपाई कर दी। सानिया मिर्जा ने यूएस ओपन में मिक्सड डबल्स खिताब जीता, जबकि महिला डबल्स में भी उनका प्रदर्शन जोरदार रहा। उससे पहले बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधू ने कॉमनवेल्थि गेम्स में जबरदस्त खेल दिखाया, जबकि महिला क्रिकेट टीम ने मिताली राज की अगुआई में इंग्लैंड की महिला टीम को टेस्ट मैच में शिकस्त दी।
महिलाओं का टेस्ट मैच पुरुष टीम के टेस्ट मैच के समानांतर ही खेला जा रहा था, लेकिन जहां पुरुष टीम लडख़ड़ा रही थी, वहीं महिला टीम ने धैर्य बनाए रखा और चौथी पारी में जरूरी लक्ष्य हासिल कर लिया। यह जीत एक ऐसे प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ आई जिसे घरेलू हालात में अजेय समझा जाता था। हमने दोनों मैच पर नजर रखी और यादगार जीत के दौरान महिला टीम द्वारा बनाए गए हर रन का लुत्फ उठाया।
मुक्केबाज मैरीकॉम की बायोपिक की सफलता देखकर भी अच्छा लगा। वह इसलिए क्योंकि इस तरह के प्रदर्शन न केवल युवा लड़कियों को उत्साहित करते हैं, बल्कि उनके अभिभावकों को भी प्रेरणा मिलती है कि वे अपने बच्चों को खेलों की दुनिया में आगे बढऩे में मदद करें। ऊपर जिन भी महिला खिलाडिय़ों का जिक्र किया गया है और उनके साथ साइना नेहवाल व तीरंदाजों को भी जितना धन्यवाद कहा जाए कम होगा। इन सभी ने अधिक से अधिक लड़कियों को खेलों में नाम कमाने के लिए प्रेरित किया है।
टी20 मुकाबले में सिंगल न लेने पर कई लोग भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धौनी की आलोचना कर रहे होंगे या उन्हें गलत ठहरा रहे होंगे। मगर धौनी ने स्पष्ट कर दिया कि रायुडू के बल्ले पर गेंद ठीक से नहीं आ रही थी। जबकि वे पहले भी ऐसे हालात का सामना कर चुके थे और इसीलिए उन्होंने खुद यह जिम्मेदारी उठाने का फैसला किया। सीमित ओवर टूर्नामेंट में कप्तान को अंतरात्मा की आवाज पर फैसले लेने होते हैं। इनमें से कुछ कामयाब होते हैं तो कुछ असफल। मगर यह सिर्फ टी20 मैच ही था।
(पीएमजी)