कैरेबियाई टीम को मिला भरपूर प्यार
वाकई ये अब तक का सबसे रोमांचक विश्व कप फाइनल था। कार्लोस ब्रेथवेट की आक्रामक पारी अद्भुत थी। जिस अंदाज में वेस्टइंडीज को ईडन गार्डेंस में समर्थन मिला उससे पता चलता है कि कैरेबियाई खिलाडिय़ों के कितने चाहने वाले हैं।
(के श्रीकांत कॉलम)
वाकई ये अब तक का सबसे रोमांचक विश्व कप फाइनल था। कार्लोस ब्रेथवेट की आक्रामक पारी अद्भुत थी। जिस अंदाज में वेस्टइंडीज को ईडन गार्डेंस में समर्थन मिला उससे पता चलता है कि कैरेबियाई खिलाडिय़ों के कितने चाहने वाले हैं।
क्रिकेट को वेस्टइंडीज से काफी कुछ मिला है। वनडे क्रिकेट के शुरुआती दौर में रिचड्र्स, ग्र्रीनिज, लॉयड और उनकी महान गेंदबाजी लाइनअप से ये खेल काफी लोकप्रिय हुआ। उन्होंने अपने अंदाज में इस खेल को खेला। कैरेबियाई टीम टी-20 की सफलता को अन्य फॉर्मेट में भी दोहराती है तो इससे क्रिकेट में और भी रोमांच आएगा।
मर्लोन सैमुअल्स को दिल से बधाई। दो विश्व कप के फाइनल में टॉप स्कोरर और मैन ऑफ द मैच होना खास होता है। विंडीज ने साबित किया है कि उनके पास ऐसे खिलाड़ी हैं जो परिस्थितियों से निपटना जानते हैं। बजाय इसके कि उनकी टीम भारत की तरह एक खिलाड़ी पर निर्भर है। स्पिनरों का प्रदर्शन इस बार भी शानदार रहा। ये इस विश्व कप का एक और खास पहलू है। पिछले तीनों विश्व कप में धीमी गति के गेंदबाजों ने काफी प्रभावित किया था। सैमुअल बद्री ने साबित कर दिया कि क्यों उन्हें इतना सम्मान मिलता है। निश्चित तौर पर स्पिनरों का रोल क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में काफी अहम है।
भारत का फाइनल में नहीं होना निराशाजनक जरूर था। लेकिन कोलकाता का माहौल रोमांचित कर देने वाला था। मुझे यकीन है कि दर्शक खुशी-खुशी अपने घर लौटे। किसी को भी विंडीज की जीत से शिकायत नहीं थी। करोड़ों भारतीय यही चाहते थे कि उनकी दूसरी फेवरेट टीम विश्व कप जीते।