भारत का सपाट पिच पर खेलना समझ से परे
बांग्लादेश ने मैच अपनी मुट्ठी में कर लिया था, लेकिन वह उसके हाथों से फिसल गया। लेकिन जैसी टर्निंग विकेटों पर भारत खेल रहा है, यह सिर्फ विरोधियों को मौका देना है। बांग्लादेश की अनुभवहीन बल्लेबाजी के सामने वे सपाट पिचों पर खेल रहे हैं। मैं नहीं जानता कि उन्हें
(अकरम का कॉलम)
बांग्लादेश ने मैच अपनी मुट्ठी में कर लिया था, लेकिन वह उसके हाथों से फिसल गया। लेकिन जैसी टर्निंग विकेटों पर भारत खेल रहा है, यह सिर्फ विरोधियों को मौका देना है। बांग्लादेश की अनुभवहीन बल्लेबाजी के सामने वे सपाट पिचों पर खेल रहे हैं। मैं नहीं जानता कि उन्हें ऐसी पिचों पर खेलने की सलाह कौन दे रहा है। निश्चित ही भारत की बांग्लादेश पर यह जीत किसी चमत्कार से कम नहीं है। वहीं, यह बांग्लादेश के लिए खुदकशी जैसा है। तीन गेंद में नौ रन बनाने के बाद महमूदुल्लाह और मुशफिकुर जैसे अनुभवी खिलाडिय़ों ने जिस तरह छोटी गेंदों पर शॉट खेले वह गैरजरूरी थे। वे दबाव में टूट गए।
भारत जानता था कि इस प्रारूप में 145 के स्कोर का बचाव करना किसी भी टीम के लिए बहुत मुश्किल है। वे भाग्यशाली रहे क्योंकि पांड्या ऑफ स्टंप के बाहर लंबी गेंदे फेंक रहे थे, लेकिन बांग्लादेश के निचले क्रम के बल्लेबाजों ने स्टंप कवर नहीं किए और कुछ रन भी बनाए। ये चीजें कोच द्वारा नहीं सिखाई जा सकतीं। निचले क्रम को इसे धौनी से सीखने की जरूरत है। यह धौनी की चतुराई भरी सोच भी थी।
मुझे लगता है कि 19वें ओवर में बुमराह ने बहुत अच्छी गेंदबाजी की। इस ओवर में उन्हें गेंदबाजी सौंपना एक अच्छा कदम था। यदि पांड्या यह ओवर करते तो मैच वहीं खत्म हो सकता था। इसलिए बुमराह का ओवर काफी अहम था। उन्होंने अच्छी गेंदें डालीं। उनकी यॉर्कर अचूक थीं। उन्होंने दबाव में अपनी हिम्मत बनाए रखी।