टीम इंडिया को जगाने वाली है ये हार
टी-20 विश्व कप का क्या सनसनीखेज आगाज देखने को मिला। 127 का लक्ष्य, परिस्थितियां जरूर मुश्किल थीं, लेकिन हासिल किया जा सकता था। इस निराशाजनक हार के कई कारण हो सकते हैं, लेकिन इच्छाशक्ति से हर मुश्किल चुनौती से पार पाया जा सकता है।
(के श्रीकांत का कॉलम)
टी-20 विश्व कप का क्या सनसनीखेज आगाज देखने को मिला। 127 का लक्ष्य, परिस्थितियां जरूर मुश्किल थीं, लेकिन हासिल किया जा सकता था। इस निराशाजनक हार के कई कारण हो सकते हैं, लेकिन इच्छाशक्ति से हर मुश्किल चुनौती से पार पाया जा सकता है।
भारतीय बल्लेबाजों का प्रदर्शन काफी खराब रहा। जो त्रासदी से कम नहीं था। पहली गेंद से ही बल्लेबाज लय में नहीं दिखे। ऊपरी क्रम ने अपने विकेट तोहफे में दिए। पावरप्ले में चार विकेट गिर जाएं तो मध्यक्रम के बल्लेबाज खराब गेंदों पर भी बड़े शॉट लगाने से बचते हैं। न्यूजीलैंड को पूरा श्रेय जाता है कि उसने मैच को जकड़े रखा। लेकिन मैच में दब्बू बनकर खेलने वाली भारतीय टीम के पास इस हार के लिए कोई बहाना नहीं होना चाहिए। इस पर यकीन करना आसान नहीं है कि न्यूजीलैंड के तीन स्पिनरों ने भारत को 79 रन पर ढेर कर दिया। चीजों को आसान बनाए रखने में टीम इंडिया नाकाम रही। बल्लेबाजों ने अपने विकेट आसानी से गंवाकर कीवी टीम के लिए स्थितियां सरल कर दीं।
ये पहला मौका नहीं है जब दबाव में बल्लेबाज धराशायी हुए हैं। टी-20 क्रिकेट में भारत के चार में से तीन न्यूनतम स्कोर पिछले छह महीने में बने हैं। साफ है कि बल्लेबाजी पूरी तरह से स्वस्थ नहीं है। बड़ी प्रतियोगिता में सिर्फ कुछ खिलाडि़यों पर निर्भर करना अच्छा नहीं है। बल्लेबाजों को अधिक जिम्मेदारी से खेलना होगा। ये हार भारत को जगाने वाली है। साथ ही टीम अपने को सांत्वना दे सकती है कि 2007 टी-20 विश्व कप में एकमात्र न्यूजीलैंड ही थी जिसने उसे हराया था। मुझे उम्मीद है कि टीम इंडिया मजबूती के साथ वापसी करेगी। उसके पास शेष तीनों मैचों को जीतने के सिवाय और कोई विकल्प नहीं है। आखिर में कहना चाहूंगा कि ये पिच टी-20 के हिसाब से नहीं थी। पिच और बेहतर बनाई जा सकती थी। जिससे बल्ले और गेंद के बीच अच्छी स्पर्धा देखने को मिलती।
(टीसीएम)