ब्रेथवेट की जितनी तारीफ की जाए कम है
पाकिस्तानी क्रिकेट को फॉलो करने वाले वेस्टइंडीज के खिलाफ तीसरे टेस्ट मैच में उसकी हार से हैरान नहीं हुए होंगे।
(गावस्कर का कॉलम)
पाकिस्तानी क्रिकेट को फॉलो करने वाले वेस्टइंडीज के खिलाफ तीसरे टेस्ट मैच में उसकी हार से हैरान नहीं हुए होंगे। पहले ऑस्ट्रेलिया सीरीज जीतने के बाद अक्सर आखिरी टेस्ट में हार जाया करता था। पिछले कुछ साल से पाकिस्तान भी ऐसा करता आ रहा है। रिकी पोंटिंग के कप्तान बनने तक ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी सीरीज जीतने के बाद लापरवाह हो जाते थे और मैच को बहुत हल्के में लेते थे।
शारजाह की सपाट पिच पर पाकिस्तान ने पहले दो टेस्ट आसानी से जीत लिए। ऐसी पिच पर तीसरे टेस्ट की दोनों पारियों में उन्होंने बहुत ही खराब बल्लेबाजी की। इसकी उनसे उम्मीद नहीं थी। जेसन होल्डर जैसे गेंदबाज अगर पांच विकेट लेते हैं, तो पाकिस्तानी बल्लेबाजों की एप्रोच के बारे में समझा जा सकता है। मैं पहले भी कह चुका हूं कि क्रेग ब्रेथवेट की जितनी तारीफ की जाए, उतनी कम है। उन्होंने दोनों पारियों में शानदार बल्लेबाजी कर दो दशक में विदेशी धरती पर पहली जीत दिलाई। उन्होंने अंत तक टिक कर पहली पारी में बढ़त सुनिश्चित कराई, फिर दूसरी पारी में बल्लेबाजी लडख़ड़ाने पर शेन डॉउरिच के साथ मिलकर टीम को जीत तक पहुंचाया।
बांग्लादेश के नए गेंदबाज मेहदी हसन ने इंग्लिश बल्लेबाजों के इर्द-गिर्द स्पिन का जाल बुनकर अपनी टीम को जीत दिलाई। पहले टेस्ट मैच में मामूली अंतर से हारने के बाद मेजबान टीम ने शानदार वापसी की। तमीम इकबाल ने दोनों पारियों में अच्छी गेंदबाजी, लेकिन युवा ऑफ स्पिनर का प्रदर्शन सबसे खास रहा। श्रीलंकाई टीम के विशाल स्कोर का पीछा करते हुए मेजबान जिंबाब्वे ने अच्छा संघर्ष किया। मगर वह आखिरी दिन के चार ओवर तक क्रीज पर नहीं टिक सके। उनके कप्तान ग्रीम क्रेमर ने पहली पारी में शतक जडऩे के बाद दूसरी पारी में उपयोगी 43 रन बनाए। साथ ही उन्होंने चार विकेट भी झटके, पर वह टीम को जीत नहीं दिला सके। श्रीलंका की ओर से करुणारत्ने ने अर्धशतक और शतक लगाया। मेहदी हसन मिराज ने 12 विकेट लेकर बांग्लादेश को इंग्लैंड के खिलाफ पहली जीत दिलाई। इसलिए इस हफ्ते वह सीएट इंटरनेशनल क्रिकेटर ऑफ द वीक चुने जाते हैं।