आलोचकों को समझना चाहिए, तिहरे शतक रोज नहीं बनते
पूर्व क्रिकेटर सुनील गावस्कर ने कहा कि तिहरा शतक हर रोज नहीं बनते हैं।
सुनील गावस्कर
कलम से
चेन्नई में अंतिम टेस्ट में भारत की रोमांचक जीत के साथ ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान ने बेहद रोमांचक मैच खेला। 490 रन के विशाल लक्ष्य का पीछा करने का पाकिस्तान का फैसला साहसी भरा था। हालांकि वे 40 रन पीछे रह गए। टेस्ट क्रिकेट का यही मजा है, जहां हर दिन किस्मत पलटती रहती है।
भारत की जीत ने विराट कोहली के देर से पारी घोषित करने के फैसले का बचाव किया। कोहली ने करुण नायर को तिहरा शतक बनाने के लिए मौका दिया। हर किसी आलोचक को यह समझना चाहिए कि तिहरा शतक हर रोज नहीं बनते हैं। वीरेंद्र सहवाग ने हालांकि यह कारनामा दो बार किया है, लेकिन वीरू जैसे खिलाड़ी बहुत ही कम आते हैं। उनके जैसा कोई दूसरा खिलाड़ी नहीं हो सकता। नायर की बल्लेबाजी बहुत शानदार थी और उन्होंने उम्दा शॉट जमाते हुए एक ही दिन में अपने स्कोर को 71 से 303 तक पहुंचा दिया। ऐसा करने वाले वह अकेले खिलाड़ी हैं।
अजहर अली और असद शफीक ने शतक लगाकर पाकिस्तान की दूसरी पारी को संभाले रखा, लेकिन इन साहसी पारियों के बावजूद वे ऐतिहासिक जीत से थोड़े से दूर रह गए। ऑस्ट्रेलियाई हमेशा अंत तक संघर्ष जारी रखते हैं और स्टार्क ने शफीक को ऐसी गेंद फेंकी जो खेली नहीं जा सकती। हालांकि यह एक बेहतरीन टेस्ट मैच था।
पिछले हफ्ते कोई भी टेस्ट क्रिकेट नहीं खेला गया और न्यूजीलैंड ने बांग्लादेश के खिलाफ वनडे सीरीज की मेजबानी की। सीमित ओवरों के क्रिकेट में बांग्लादेश के खेल में सुधार आया है और उनके पास कुछ अच्छे खिलाड़ी हैं। लेकिन कीवी टीम कुछ ज्यादा मजबूत साबित हुई। बांग्लादेश की आदत है कि वह जीत से ठीक पहले ही लडख़ड़ा जाती है। पिछले साल आइसीसी टी-20 में भारत के खिलाफ भी हमें ऐसा देखने को मिला। इस बार भी ऐसा ही हुआ।
कीवी टीम के टॉम लाथम ने भारत में अपनी तकनीक और धैर्य से सभी को प्रभावित किया। 107 गेंदों पर खेली गई 109 रनों की पारी ने कीवी टीम को जरूरी स्कोर दिया। कोलिन मुमरो ने भी अच्छा योगदान दिया। शाकिब अल हसन ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया, लेकिन यह काफी नहीं है।
टॉम लाथम और नील ब्रूम को उनके शतकों के लिए संयुक्त रूप से इस हफ्ते का सीएट इंटरनेशनल क्रिकेटर ऑफ द वीक चुना जाता है।